श्री प्रहलाद जी ने अपनी निष्कपट निष्काम निर्मल भक्ति से भगवान सिंह को एक खंभे से प्रकट किया- राधिका दीदी
माही की गूंज, अलीराजपुर
पंचमुखी हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण के चतुर्थ दिवस में कथा का वाचन कर रही श्री योगेश्वर शास्त्री जी की पुत्री पूज्य श्री राधिका दीदी के द्वारा भगवान की दिव्य लीलाओं का बहुत सुंदर वाचन किया गया जिसमें उन्होंने परम भागवत श्री प्रहलाद जी महाराज का दिव्य चरित्र सुनाया। श्री प्रहलाद जी ने अपनी निष्कपट निष्काम निर्मल भक्ति से भगवान सिंह को एक खंभे से प्रकट किया, यह सामर्थ्य भक्ति की पराकाष्ठा है।
आगे कथा का वाचन करते हुए श्री जड़ भरत जी की कथा सुनाई सूर्यवंश की कथा का वर्णन करते हुए, परम भक्त श्री अमरीश जी महाराज की कथा श्रवण कराइ अमरीश जी महाराज ने एकादशी का व्रत किया और श्री दुर्वासा जी को निमंत्रण दिया दुर्वासा जी को आने में विलंब हुआ तो, महाराज ने भगवान को भोग लगा दिया जिससे दुर्वासा जी महाराज क्रोधित हो गए और अमरीश को श्राप देने लगे अमरीश जी महाराज ने हाथ जोड़ लिए भगवान अपने भक्तों का कभी अनादर नहीं होने देते हैं। भगवान का सुदर्शन चक्र का दुर्वासा जी के पीछे पड़ गया पूरे ब्रह्मांड में दौड़ते-दौड़ते दुर्वासा जी महाराज सभी देवों के पास गए और कहीं भी अपने को सुरक्षित ना पाकर भगवान के पास पहुंचे भगवान ने कहा मैं तो अपने भक्तों के बस में हूं अब आपकी रक्षा अमरीश ही कर सकते हैं। दुर्वासा जी ने अमरीश जी से क्षमा मांगी और सुदर्शन शांत हो गए हैं।
आगे की कथा का वाचन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की कथा श्रवण कराई इसी श्रेणी में आ आगे चंद्रवंश की कथा सुनाई जिस वंश में राधा जन बल्लभ गोपी प्राण बल्लभ हमारे प्राण प्रियतम सरकार श्री कान्हा जी का हुआ ठाकुर जी के भक्तों ने भगवान का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया नृत्य गाना हुआ शोभायात्रा निकाली गई जिसमें अनेक अनेक श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया सभी ने नृत्य गान किया। इसके पश्चात परम पूजनीय संत श्री घनश्याम दास जी महाराज जी ने सभी भक्तों को बधाइयां दी, श्री राधिका जी का स्वागत किया आचार्यों द्वारा भगवान का स्वागत गीत गाया गया जिसमें पूज्य शास्त्री योगेश्वर जोशी, पंडित रवि कृष्ण शास्त्री, पंडित दीपक, वैष्णव पंडित घनश्याम, वैष्णव भवानी शंकर शर्मा, भागवत जोशी सभी ने उच्च स्वर में वेद मंत्रों का गायन किया और भगवान का स्वागत गीत गाया, बहुत धूमधाम से भगवान की दिव्य जन्मोत्सव शोभायात्रा निकाली गई जिसमें सभी ने नृत्य इत्यादि किया और परम आनंद प्राप्त किया।