माही की गूंज, अलीराजपुर।
आगामी 27 नवम्बर रविवार को राष्ट्रीय गौरव जननायक भील की मूर्ति स्थापना फाटा डेम के फाटा (वास्कल) पर होना तय है, जिसको लेकर पिछले महीने भर से क्षेत्र में बैठक और तैयारी अंतिम दौर पर चल रही है। गुरुवार को टांटिया भील की मूर्ति लेने के लिए देर शाम आदिवासी समाज अलीराजपुर, नानपुर के सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक दल मूर्ति लेने के लिए रवाना हुआ। मूर्ति लेने जाने के लिए दल रवाना करने से पहले दाहोद नाके स्थित टांटिया भील की मूर्ति पर माल्यार्पण कर व जय घोष के नारों के साथ रथ को भगवान बिरसा मुंडा के लाल सफेद ध्वज से सांकेतिक राजस्थान हेतु रवाना किया। आदिवासी योद्धा टंट्या भील की 2री मूर्ति सामाजिक संगठन के बैनर तले जनसहयोग से लगाई जा रही है।
आयोजन कमेटी के संयोजक नितेश अलावा ने बताया कि, आयोजन पूर्णतः सामाजिक है ओर इस ऐतिहासिक आयोजन मे गुजरात राजस्थान सहित मध्यप्रदेश के तमाम आदिवासी हितेषी समाज जन शामिल होंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिलेभर के जनप्रतिनिधियों सहित सामाजिक कार्यकर्त्ता को क्षेत्रीय जिम्मेदारी दी गयी है जो जननायक की रथ यात्रा मे स्वागत सत्कार से लेकर मूर्ति स्थापना मे पूरा सहयोग करेंगे। मूर्ति स्थापना पूर्णतः आदिवासी सामाजिक परम्परा, रीती रीवाज से पटेल, पुजारा, बड़वे द्वारा 27 नवम्बर को होंगी। मूर्ति 25 नवम्बर को जिले के सेजावाडा मे प्रवेश करेगी जो भाबरा, आम्बुआ होते हुए जोबट रुकेगी। 26 नवम्बर को जिले के सबसे बड़े कस्बे नानपुर मे सभा और रैली का आयोजन होगा। 27 नवम्बर को फाटा डेम हेलीफेड मैदान मे विशाल सभा, सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ देर शाम मूर्ति स्थापित की जाएगी। कार्यक्रम सयोजक दल को दिलु पटेल, मुकेश रावत, केरम जमरा, रितु लोहार, रतनसिंह रावत, केरमसिंह चौहान ने झंडा फहराकर रवाना किया।
इस दौरान संजय कलेश, सुनील सौलंकी, सोनू चौहान, सुनील मंडलोई, सुरेश बघेल, दिलीप बघेल, बहादुर कलेश,रवि कलेश, सवल सिंह भिंडे, बिडीया कलेश आदि ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने का संकल्प लिया और कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या मे कार्यक्रम मे आने की अपील की है।