![image](https://mahikigunj.in/uploads/news/658688b0e5d12_IMG-20231222-WA0069.jpg)
माही की गूंज, अमझेरा।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के द्वारा विधानसभा में दिये गये वकतव्य के दौरान बताया गया कि, जहॉ-जहॉ भगवान श्री कृष्ण के पॉंव पड़े है उन्है तीर्थ रूप में विकसीत किया जाएगा। जिसमे उन्हौने उज्जैन, जानापाव सहीत अमझेरा का भी नाम लिया। जिसके बाद अमझेरा क्षेत्र में लोगो में भी हर्ष व्याप्त हो गया तथा सोशल मिडीया के माध्यम से सभी के द्वारा एक-दुसरे को बधाई देते हुए उनके विडीयो को बहुप्रसारित किया गया।
द्वापरयुग में भगवान श्री कृष्ण ने अमझेरा स्थित अमका-झमका माता मंदिर से रूखमणीजी का हरण किया था तथा हरण के पश्चात उन्हे द्वारिका लेकर गये थे। इस दौरान रूखमणीजी के भाई रूखमी ने भगवान श्री कृष्ण से युद्ध किया था तथा भगवान श्री कृष्ण ने उन्हे परास्त कर दिया था। आज भी दुर-दुर से तथा कई राज्यो से दर्शनार्थी अमझेरा रूखमणी हरण स्थली देखने लिए एवं माता का पूजन करने लिए पहुंचते है। यहॉ के समाजसेवी मन्नालाल शर्मा ने बताया कि विदर्भ के राजा शिशुपाल से जब रूखमणीजी का विवाह तय हो गया तब रूखमणीजी को कुंदनपुर (अमझेरा का प्राचिन नाम) के इसी अंबिकालय से भगवान श्री कृष्ण हरण कर द्वारिका ले गये जिसका उल्लेख ग्रंथो में भी मिलता है। मुख्यमंत्री के कहे अनुसार यहॉ तीर्थ क्षेत्र विकसीत होता है तो निष्चित ही सभी के लिए गौरव की बात है। यहॉ शासन स्तर पर तीर्थ के सौंदर्यीकरण के लिए लाखो रू. के कार्य कराये गये। जिसमें छोटे-बड़े डेम व पत्थर की पाल बनाने के कार्य सम्मिलीत है लेकिन दोनो ही डेम क्षतिग्रस्त हो गये है। जिससे यहॉ गर्मी के दिनों में पानी की परेशानी रहती तथा डेम का पानी पुरी तरह से खाली होकर सुख जाते है। जिससे यहॉ की सुंदरता गायब हो जाती है। साथ ही मंदिर सुरक्षा के साथ यहॉ आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटको के लिए सुविधाए बढ़ाने की महती आवष्यकता है।