
माही की गूंज , रायपुरिया।
पेटलावद विकास खण्ड की ग्राम पंचायत द्वारा फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने के मामले में पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है।
मामला पुलिस द्वारा प्रेसनोट जारी होने पर सामने आया।
थाना रायपुरिया से मिली जानकारी अनुसार आवेदिका लीला कटारा पति दिनेश कटारा निवासी सुवरपाडा द्वारा अपनी लडकी पुष्पा पिता दिनेश कटारा के गुम होने के संबंध में 22 दिशम्बर 2024 को सूचना दी थी। जिस पर से थाना रायपुरिया पर गुम इंसान क्रमांक 91/2024 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था।सूचनाकर्ता, गुम इंसान पंजीबद्ध होने से असंतुष्ट थी व अपराध पंजीबद्ध करवाना चाहती थी, इस हेतु सूचनाकर्ता लीला कटारा द्वारा अपनी लडकी गुमशुदा पुष्पा पिता दिनेश कटारा का ग्राम पंचायत बामनिया से फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र लाकर पुलिस अधीक्षक झाबुआ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसमें गुमशुदा पुष्पा कटारा की जन्म दिनांक 10 मई 2008 अंकित थी। जांच के दौरान पाया गया कि, सूचनाकर्ता लीला कटारा द्वारा ग्राम पंचायत बामनिया के सचिव मुन्ना अरड़ के साथ मिलकर धोखाधडी पुर्वक व कुट रचना कर फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार करवाया गया। जिसमें जन्म दिनांक 10 मई 2008 लेख है। वही पीडिता की कक्षा 10वी की अंकसूचि एवं ग्राम पंचायत मातापाडा के जन्म प्रमाण-पत्र में गुमशुदा पुष्पा की जन्म दिनांक 10 मई 2006 लेख है। लीला कटारा द्वारा ग्राम पंचायत बामनिया के सचिव मुन्ना अरड़ के साथ मिलकर धोखाधडी एवं कुट रचना कर गुमशुदा पुष्पा का फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र तैयार किया गया व जन्म दिनांक 10 मई 2008 अंकित की गई। जिससे गुमशुदा की उम्र 16 वर्ष 07 माह हो जाए एवं थाना रायपुरिया पर अपहरण संबंधी अपराध पंजीबद्ध करवाया जा सके। पुलिस ने जांच के बाद लीलाबाई कटारा एवं सचिव ग्राम पंचायत बामनिया मुन्ना अरड के विरुद्ध अपराध धारा 318(1)(2), 336(3) भारतीय न्याय संहिता 2023 का पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। एक ही लड़की का दो अलग-अलग ग्राम पंचायतों से जन्म प्रमाण-पत्र जारी होना और किन दस्तावेजों के आधार पर प्रमाण-पत्र जारी किए गए ये जांच का विषय है । विकास खंड की ग्राम पंचायतों में चल रही हेराफेरीयो की सूची में फर्जी जन्म प्रमाण-पत्र का मामला ओर जुड़ गया है ।