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आरईएस विभाग के अन्तर्गत निस्तार तालाब निर्मित हुए बित गया एक वर्ष, मजदुरो व ट्रेक्टर मालिको नही मिला भुगतान
Report By: खलील मंसूरी 01, Feb 2024 1 year ago

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निर्माण एजेंसी आरईएस विभाग, उपयंत्री ने कहा ठेकेदार को कर दिया भुगतान

माही की गूंज, उदयगढ। 

          जनपद पंचायत उदयगढ के अन्तर्गत ग्राम पंचायत आम्बा खेडी मे महणी घाटी पर आरईएस विभाग के द्वारा स्वीकृत निस्तार तालाब करीब 51 लाख 49 हजार रुपए की लागत का उपयंत्री  पारगी की देखरेख मे गत वर्ष निर्माण कार्य पुर्ण किया गया था। किन्तु उक्त तालाब पर कार्यरत आदिवासी मजदुर सहित व तालाब पर मिट्टी ढुलाई कार्य के लिए लगाए गए करीब 20/25 ट्रेक्टर जिसे प्रतिदिन 3 हजार 500 सौ रुपए के हिसाब राशि निर्धारित कर कार्य  करवाया गया था। जिसमे ट्रेक्टर मालिको ने अपने ट्रैक्टरों मे अपनी जेब डिजल भरवाकर तालाब पर किसी ने 15 दिन तो किसी ने 20 दिन तक तालाब पर मिट्टी ढुलाई का कार्य किया था। किन्तु मजदुर सहित ट्रेक्टर मालिको को राशि का भुगतान विभाग द्वारा आज तक नही कर टालमटोल कर रहा है। जबकि सबंधित उप यंत्री का कहना है कि, हमने ठेकदार को भुगतान कर दिया है। खास बात यह है कि, उक्त तालाबो के निर्माण सबंधी ऐसे कोई विभागीय टेंडर नही होकर यह विभागीय कार्य था। अब बेचारे मजदुर व ट्रेक्टर मालिक करे भी तो क्या करे...?

        मामले में किशन पिता मेहरसिह, सुवरिया पिता छगन, मडिया पिता रडु, बिला पिता छगन, भिलु पिता छगन, जोगडिया पिता जोतिया, अमरसिह पिता छगन, सोकु पिता दरु, मुलजी पिता लालु, बदरिया पिता रेमसिह, रुपसिह पिता पिदिया, मांंगीया पिता नेवा  निवासी ग्राम बुडकु ई बडी तथा कालु पिता भटु निवासी ग्राम बुडकुई छोटी के साथ ही शंकर पिता पारसिह निवासी खण्डालाराव आदि करीब 20 से 25 उक्त निर्माण कार्य में मजदूरी का कार्य करने वाले मजदूरों ने बताया कि, करीब एक वर्ष बीतने को है और आम्बा खेडी निस्तार तालाब भी पुर्ण होकर एक वर्ष बीत जाने को है पर हमारी मेहनत पसीने की राशि का भुगतान नही किया जा रहा है। जिससे हम ग्रामीण आदिवासी बहुत परेशान है। वहीं ट्रेक्टर मालिको ने बताया कि, हमने प्रतिदिन अपनी जेब से ट्रेक्टरों मे डिजल भरवाकर ट्रैक्टरों से दिन भर तालाब पर मिट्टी ढुलाई का कार्य  किया गया। इस प्रकार किसी टेक्टर मालिक का 17 दिन का तो किसी का 20 दिन तो किसी का 25 दिन तक मिट्टी ढुलाई का कार्य किया गया। जिसकी राशि का भुगतान आरईएस विभाग द्वारा नही किया जा रहा है। जबकि ट्रेक्टर मालिको का डिजल के नाम स्वयं का हजारो रुपए  व्यय हो चुका है और विभाग राशि भुगतान करने मे आना-कानी कर रहा और राशि की मांग करने पर विभाग के उपयंत्री का कहना है कि, ठेकदार को भुगतान कर दिया गया। इस प्रकार उपयंत्री द्वारा यह कह देना कि, ठेकेदार को पेमेंट कर दिया है, यह बडा ही खेद व आश्चर्य का विषय होकर जांच का विषय भी है।

        ये ही नहीं दिना पिता कुवरसिह निवासी बुडकुई बडी ने  बताया कि, मेरी लड़कियां नारंगी, सारंगी व मौसम ने गत वर्ष तालाब में  एक माह तक कार्य किया पर आज तक मजदुरी का भुगतान नही किया है। साथ ही ग्राम मे अन्य मजदुरो का भी भुगतान शेष होने की बात कही जा रही है।

         इसी प्रकार उदयगढ जनपद पंचायत के अन्तर्गत ग्राम पंचायत हरदासपुर, (पुन्जा फडका) फलिया एक और ग्राम पंचायत टोकरिया झीरण मे दो निस्तार एक उजाड फलिया, दुसरा मयणी फलिया मे शासन के कई लाखो रुपए व्यय कर निस्तार तालाबो का    भी आरईएस विभाग द्वारा घटिया स्तर से निर्माण करवाया गया है। आज मौके पर उनका मुआयना किया जाए तो तालाब निर्माण कार्य की स्वत: पोल खुलकर विभाग का भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा। क्योंकि घटिया स्तर से हुए निर्माण कार्य से किसी तालाब मे वर्षा के पानी का संग्रहण ही नही हुआ और निचे से पानी बहकर निकल गया और वर्तमान मे आज तालाब सुखे पडे होकर उनमे बिल्कुल पानी ही नही है। जिन तालाबो मे पानी है भी तो उनका पानी पाल के निचे रिसाव होकर पानी खाली हो रहा है व तालाबो की पाले भी बरसात के पानी के कटकर उनमे बडी-बडी दरारे होकर पाल व तालाब की स्थित चिंता जनक है।

         इन घटिया तालाब निर्माणो मे आरईएस विभाग के अधिकारी उपयंत्री व बिना टेंडर के फर्जी ठेकदार खुब लाखो रुपए की हेरा-फेरी कर मोज मस्ती कर रहे है। जबकि जिन ग्राम पंचायत  क्षेत्रो मे आम ग्रामीण आदिवासी गरीब जनता के लिए शासन लाखो रुपए स्वीकृत कर उनके जिवन को बेहतरीन बनाना चाहती है उनको शासन की योजना लाभ नही मिल पा रहा है। जबकि विभाग व ठेकेदार ही लाभ उठा रहे है ओर तालाबो की दयनीय हालात हो रही है।

ग्राम टोकरिया झीरण के उजाड फलिया में पुरा तालाब मशीन से बना दिया, जिसके पानी का रिसाव होकर रहा है।

ग्राम पंचायत टोकरिया झीरण के मयनी फलिया का तालाब, बरसात के पानी से ही पाल बह गई और बडी-बडी दरारे होकर पानी का रिसाव होकर रहा है।

ग्राम पंचायत हरदासपुर के पुन्जा फडका फलिया का तालाब, जिसकी भी पाल धस गई और पानी का रिसाव होकर रहा है।


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