माही की गूंज, बड़वानी
लाॅकडाउन कुछ स्थानों पर लाभदायक एवं विचारो को परिवर्तित करने वाला भी सिद्ध हुआ है। बड़वानी नगर के न्यू मधुबन कालोनी में पानी की टंकी के पास स्थित पार्क की दुर्दशा से सभी परिचित है। जहाॅ पहले जाने में डर लगता था, क्योंकि वहाॅ पर सापों, कीड़े-मकोड़ो का वास था। अब इस पार्क की यह तस्वीर बदल चुकी है और यह हुआ है लाॅकडाउन के कारण घरो में ही रह रहे वासियों के कारण ।
लॉकडाउन के दौरान पार्क के पास रहने वालो के मन में पार्क की दशा सुधारने का विचार आया और वे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए पार्क का सारा कचरा साफ करने एवं नये पौधे लगाने में जुट गए। इससे पार्क की दशा कुछ सुधरते ही कालोनी के अन्य लोग भी इस अभियान में सम्मिलित हो गये और जनसहयोग से 4 लाइट भी लगा दी, वही पार्क में काली मिट्टी डालकर पेड़ो के संरक्षण का कार्य भी प्रारंभ हो गया। अब सभी लोग बारी-बारी से पानी देने का कार्य कर रहे है, जिससे अब बगीचा शाम को भी घूमने लायक बन गया।
कालोनी वासियों की इस पहल का स्वागत नगरपालिका सीएमओ कुशलसिंह डोडवे ने करते हुए उनके बगीचे के लिये दो बेंच अपनी तरफ से देने की घोषणा की है। कालोनी के इस बगीचे के कायाकल्प में दादाजी निमाड़े, पंकज निमाड़े, कुलदीप एवं जयदीप निहाले, पंकज पाठक, मुकेश वर्मा, अरविन्द भायल, टीआर मालवीय, वालूसिंह, बालूसिंह सोलंकी, काना एवं आराध्य मंडलोई ने अलग-अलग समय में दो-दो, तीन-तीन लोगो का समूह बनाकर जहाॅ सोशल डिस्टेंस का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। वही लाॅकडाउन की अवधि के सदुपयोग की नई परिभाषा का भी सृजन किया।