जिला सीईओ ने सरपंच को थमाया धारा 40 का नोटिस व सचिव को मिला अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस
मीडिया में आई खबरों के बाद जिला प्रशासन की कार्रवाई, महिलाएं केवल नाम की जनप्रतिनिधि
माही की गूंज, रतलाम।
अच्छी प्रशासनिक व्यवस्थाओ के लिए रतलाम प्रशासन की काफी प्रशासन कि काफी तारीफ हो रही है और प्रदेश में एक उदाहरण के तौर पर उभर रहा है । रतलाम प्रशासन ने एक बार फिर ऐसी कार्यवाही की जिसके बाद महिला जनप्रतिनिधियों को रबर स्टाम्प समझने वाले नजदीकी रिश्तेदारों और उनकी जी हजूरी करने वाले सरकारी मुलाजमो में ख़ौफ़ पैदा होगा । विगत दिनों जिले की ग्राम पंचायत में सरपंच पति के सरपंच की कुर्सी पर बैठ कर कार्य करने का मामला मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में आया जिसके बाद रतलाम प्रशासन ने कड़ी कार्यवाही कर ऐसा करने वालो को खुला चेलेंज कर दिया है कि ऐसा करने वालो की अब खेर नही।
सरपंच को थमाया धारा 40 का नोटिस व सचिव को भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस
रतलाम जिले की पिपलौदा तहसील की ग्राम पंचायत बछोड़िया में महिला सरपंच संपत बाई की कुर्सी पर उनके पति के बैठने और पंचायत के कार्यों में हस्तक्षेप करने को लेकर जिला पंचायत सीईओ जमुना भिंडे ने सरपंच को धारा 40 का नोटिस भेज दिया है। इसमें कहा कि वे संतोषप्रद जवाब दें वरना नही तो उन्हें पद से हटा दिया जाएगा । ओर नियम पालन नहीं करवाने व वरिष्ठों को जानकारी नहीं देने पर सचिव को भी अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस जारी किया गया है। पिपलौदा जनपद सीईओ निर्देशक शर्मा से हुई चर्चा में बताया कि 23 मार्च को माही की गूंज सहित अन्य समाचार-पत्र में प्रमुखता से खबर प्रकशित की गई थी जिसके आधार पर जिला पंचायत सीईओ ने बछोड़िया सरपंच संपतबाई सांसरी को धारा 40 का कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया है। 24 मार्च को जारी नोटिस में बताया है कि सरपंच संपतबाई की कुर्सी पर उनके पति दशरथलाल सांसरी बैठे थे और दिशा-निर्देश भी दे रहे थे। वही सचिव दशरथ सिह को भी धारा 40 का नोटिस दिया गया है, क्यो की इनकी भी लापरवाही को देखते हुए प्रशासन को कोई लिखित में किसी प्रकार को लेकर नही दिया गया जिसको देखते हुए नोटिस दिया गए हैं। त्रि-स्तरीय पंचायतों में निर्वाचित में महिला पदाधिकारी या महिला सदस्य के स्थान पर उनके पति, बेटे या अन्य किसी बाहरी व्यक्ति का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। यदि वे हस्तक्षेप कर रहे हैं तो इसका मतलब हुआ कि सरपंच द्वारा पदीय दायित्वों का सम्यक रूप से पालन नहीं किया जा रहा और उनकी भूमिका महिला सशक्तिकरण व ग्रामीण विकास के उद्देश्यों के उलटा है। यह मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज एक्ट 1993 के तहत वैधानिक कार्रवाई की श्रेणी में आता है। अतः क्यों ना धारा 40 (1) के तहत सरपंच को पद से पृथक करने की कार्रवाई विचारण में लाई जाए। मामले में सप्ताहभर में समक्ष प्रस्तुत होकर जवाब दें अन्यथा एकपक्षीय कार्रवाई करेंगे। सीईओ निर्देशक शर्मा के मुताबिक पंचायत सचिव दशरथ सिंह को भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी के साथ कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। बता दें कि चुनाव बाद जिले में इस तरह के नोटिस का ये पहला मामला सामने आया है। वैसे इसके पहले जावरा में भी नगरपालिका में महिला पदाधिकारी के रिश्तेदारों को लेकर भी पार्षद ने कलेक्टर से शिकायत की गई थी।