राष्ट्रीय हित की बात में करने वाले नेता अपने बेटे को सेना में क्यों नहीं भेजते...?
माही की गूंज, रतलाम/जावरा।
विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर ने मंगलवार को जावरा में सरदार पटेल जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया। जिसके बाद विधानसभा क्षेत्र के गोठड़ा, मुंडला, कामलिया, चौकी, सेद पुर, लालुखेड़ी, आलम पुर ठिकरिया, बिनोली, मांगरोला, खेड़ा, बोरवना, तंबोलिया, उणी, बण्डवा में जनसंपर्क किया व घर-घर जाकर मतदाताऔ से मुलाकात की। जनसंपर्क के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर ने कई जगह चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि, चाहें विधायक बने या ना बने, आपके गांवों की जितनी समस्या है वो आज से मेरी है। आज से आपके दुःख दर्द जितने है मेरे है, और मेरे दुःख दर्द आपके है। किसानों के साथ अन्याय हो रहा उनको मुवाअजा भी पुरा नही मिल रहा और हज़ार और पंद्रह सौ देकर उनको संतुष्ट किया जा रहा है। हम भी किसान के बेटे हैं भाजपा राष्ट्र हित की बात करते है इनके दादाजी सांसद थे तो क्या इन के बेटे ने आर्मी ज्वाइन करी...? क्या इनके पोते ने करी क्या...? मैं आर्मी की भर्ती दी में रनिंग नहीं निकाल पाया नहीं तो में भी आर्मी में होता। मेने पुलिस में भी में प्रयास किया है लेकिन में कही ना कही कमजोर रहा, विफल रहा। मेरे अंकल भी आर्मी में थे और 16 साल की सर्विस दी। अगर वो राष्ट्र की बात करे तो उन से पूछना की परिवार से सेना में कोई गया क्या...? क्यों की मरने के लिए किसान का बेटा है और राज करने के लिए राजनेताओं का बेटा है। भाजपा वाले बोल रहे हैं हम महिलाओं को हजार रुपए देंगे तो कांग्रेस वाले बोल रहे हैं हम महिलाओं को पंद्रह सौ देंगे, लेकिन हमारे बच्चों के भविष्य के बारे में कोई बात नहीं कर रहा की हम आपके बच्चे को रोजगार देंगे, अच्छी शिक्षा देंगे, अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था देंगे। क्या बहनों को ये नहीं सोचना चाहिए कि, एक हजार पंद्रह सौ में हमारे वोटो का सौदा कर रहे हैं। 18 वर्षो से सरकार रही क्या तब बहनों की याद नहीं आई की हमारी बहनों के खाते में एक हजार डालना चाहिए तब बहनों की याद नहीं आई। जब लगा कि सरकार जाने वाली है तब बहनों की याद आई की हम इन महिलाओं को हज़ार रूपये देंगे तो यह हमारे लिए मतदान कर दे। जीवनसिंह ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि, कांग्रेस ने बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया क्या पूरे विधानसभा में एक भी लायक उम्मीदवार नहीं था कि कांग्रेस को बाहर से उम्मीदवार चुनना पड़ा क्योकि कांग्रेस पुरी तरह खत्म हो गई है।