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मंजू ने मेहनत से पाया मुकाम, ग्राम की महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्त्रोत
07, Mar 2022 2 years ago

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माही की गूंज, बड़वानी।

         हरिबड़ की श्रीमती मंजू गेहलोत से पिछले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्चुअल बात कर जाना कि, किस प्रकार उसने ‘‘हल्दी‘‘ से अपना और अपने समूह की महिलाओं की ‘‘दशा‘‘ और ‘‘दिशा‘‘ बदल दी। जिसके कारण अब वे और उनके परिवार के सदस्य ‘‘मजदूर‘‘ से ‘‘मालिक‘‘ बनकर, दूसरो को उन्नति का मार्ग दिखा रहे है।

         आज से 10 वर्ष पूर्व श्रीमती मंजू गेहलोत भी अपने पति मुकेश गेहलोत के साथ दिहाड़ी मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने एक मात्र पुत्र का लालन-पालन करती थी। जब वे 2013 में ‘‘निमाड महिला ग्राम उद्योग आजीविका स्वसहायता समूह‘‘ से जुड़ी, तब उनकी सोच ने वह कर दिखाया जो वे अभी तक सोचती आई थी। 

         आजीविका समूह से जुड़ने के पश्चात श्रीमती मंजू गेहलोत ने समूह की महिलाओं की सहमति से एक क्विंटल हल्दी का बीज लेकर खेत में लगाया था और उससे उत्पादित 12 क्विंटल हल्दी से मसाला क्रय-विक्रय का कार्य प्रारंभ किया था। साथ ही ग्राम की महिलाओं को भी अपने खेतो में हल्दी लगाने हेतु प्रोत्साहित किया।

         आज इन महिलाओं की ‘‘दशा‘‘ बदल चुकी है। समूह की दीदी स्वयं हल्दी एवं मिर्ची का उत्पादन कर उसे प्रोसेसिंग कर ‘‘आजीविका ब्राण्ड‘‘ के नाम से मार्केटिंग कर रही है। शुद्धता और गुणवत्ता के कारण अब इनके मसाले की मांग दूर-दूर से प्राप्त हो रही है, वहीं स्थानीय बाजार में भी इनके मसाले की अच्छी खपत हो रही है।

         आजीविका से आई इस स्मृद्धि के कारण श्रीमती मंजू गेहलोत ने जहाॅ अपने पुत्र को एमबीए करवाया है, वही ग्राम में ढाई एकड़ जमीन भी क्रय कर ‘‘मजदूर‘‘ से ‘‘मालिक‘‘  बनकर वह कर दिखाया है, जो हम सब चाहते है। प्रतिष्ठा के कारण समूह की महिलाओं का मान-सम्मान ग्राम में कितना बढ़ गया है यह इनके सामाजिक कार्यो, ग्राम में समन्वय बनवाकर हुऐ अतिक्रमण को हटवाना, पारिवारिक विवाद में मध्यस्थता कर उसे स्थानीय स्तर पर ही निराकृत करवाने से स्वतः ही दिख जाता है। 

मिला 24 लाख रुपये का ऋण 

        मंजू बहनजी और उनके समूह की इस उन्नति के कारण बैंक ने भी उन्हे अब ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ के तहत ‘‘चयनित अदरक‘‘ की प्रोसेसिंग इकाई लगाने के लिए 24 लाख रुपये का ऋण प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत स्वीकृत किया है। इस राशि से इन महिलाओं ने अब मंजू के खेत पर ही अपना विशाल कारखाना लगा लिया है। जिससे वे अब अदरक से सौंठ और उसका पावडर बनाकर कोरोना के कारण अदरक के उत्पादकों की बड़ी डिमाण्ड से लाभ उठायेगी। अपने इस कारखाने का शुभारंभ करने की तिथि इन महिलाओं ने मिलकर 8 मार्च 2022 को होने वाले महिला दिवस के दिन निर्धारित की है। सच में इससे अच्छा दिन इन महिलाओं के लिए कुछ ओर हो भी नही सकता था।



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