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माही की गूंज। संजय भटेवरा
झाबुआ। सोमवार को एक खाली डंपर से कलेक्टर के वाहन को टक्कर मारकर हुई दुर्घटना व दुर्घटना के बाद हो रही कार्रवाई जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस चर्चा का भिन्न विचारों के साथ ट्रोल हो रहे हैं।
सामान्य रूप से कोई व्यक्ति जानबूझकर कोई भी दुर्घटना को अंजाम नहीं देता है। कोई क्षणिक ही सही पर कुछ न कुछ चूक होने पर ही दुर्घटना होती है यह सही है। वही किसी दुर्घटना में कोई भी व्यक्ति हताहत होता है या किसी की मौत होती है तो परिवार को ही दुख होता है यह नहीं, यह दुख अन्य सभी लोगों को भी कहीं न कहीं होता है। वहीं अगर दुर्घटना होने के बाद अगर कोई हताहत नहीं होता है तो हर किसी को इसकी खुशी भी होती है और परमात्मा का आभार भी मानते हैं।
इसी कड़ी में चूक किससे क्या हुई यह बाद की बात है पर झाबुआ कलेक्टर की कार व डंपर की टक्कर वाली इस दुर्घटना में कलेक्टर नेहा मीना, कार चालक व गनमेंन के साथ डंपर चालक भी पूर्णतः सुरक्षित है यह हर किसी के लिए खुशी की बात हैै। और माही की गूंज परिवार भी परमात्मा का आभार मानता है कि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
दुर्घटना के बाद हो रही प्रशासनिक कार्रवाई बनी चर्चा का विषय
उक्त दुर्घटना में कलेक्टर सहित कोई हताहत नहीं हुआ और दुर्घटना के बाद कलेक्टर मैडम ने अपने कार्यालय में बैठक भी ली जिसकी सराहना भी की जा रही है। पर उक्त दुर्घटना किसी चालक की चुक के चलते हुई यह नकार कर अब जो प्रशासनिक कार्रवाई इस दुर्घटना के बाद हो रही उसे देख अब कहां जाने लगा है कि, क्या किसी माफिया ने षडयंत्र पूर्वक कलेक्टर के वाहन को टक्कर मार कलेक्टर को हानि पहुंचाने का प्रयास किया गया...?
लेकिन घटना की स्थिति को देखते हुए अनुभवी लोगों का कहना है कि, यह दुर्घटना सामान्यतः ही चालक की चूक के चलते हुई है, न की कोई षड्यंत्र हो सकता है।
कहा जा रहा है कि, जिस कार में कलेक्टर मैडम सवार थी उक्त कार मैडम के बंगले से निकल सीधा एल टर्न काट समीप ही कलेक्टर कार्यालय जा रही थी। दुर्घटना को देखने में यह आता है कि, कहीं न कहीं कलेक्टर के कार चालक की चूक यह हुई कि, एल टर्न काटते समय पीछे से आ रहे वाहन की ओर निगाह नहीं डाली। नतीजन टर्न करते समय ही जेल चैराहे की ओर से आ रहे पीछे साइड से एक डंपर की चपेट में कार आ गई और कलेक्टर की कार डिवाइडर पर डंपर की चपेट से चढ़ गई तथा खंभे से टकरा गई। वहीं डंपर भी मौके पर ही रुक गया और टायर का कट क्लीनर साइट कटा हुआ था। तय है उक्त घटना को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि, कलेक्टर की कार चालक ने बिना देखे जैसे ही एल टर्न काटा की अपनी साइट में ही अपनी गति से आ रहे डंपर के चालक ने कार को बचाने का कहीं न कहीं पूरा प्रयास किया। नतीजा डंपर भी कार की टक्कर देते हुए वहीं रोक दिया और बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। और कोई हताहत नही हुआ इस बात से हम सब खुश भी है। लेकिन उक्त दुर्घटना के बाद जो कार्रवाई हो रही है वह चर्चा का विषय बन गई है और कहा जा रहा है कि, कानून क्या किसी बड़े लोगों के लिए ही है...?
चालक के साथ मालिक के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई करने का प्रशासनिक प्रयास
किसी भी प्रशासनिक सही और उचित कार्रवाई करने का हम सदैव समर्थक रहे हैं, वही हमारी कलम के सामने न ही कोई हमारा विरोधी है और न ही कोई रिश्तेदार।
नियमित रूप से प्रशासनिक व्यवस्था यह है कि, कोई भी अनलिगल कार्य हो तो उसके विरुद्ध त्वरित व सख्त से सख्त कार्रवाई हो। सामने आ रहा है कि, उक्त डंपर गुजरात से होकर झाबुआ जिले में रेत ढोने का कार्य भी करता है। तय है यह रेत का डंपर निश्चित रॉयल्टी से ओवरलोड रेत भरकर लाता होगा! ऐसे में नियमित रूप से उनके विरुद्ध कार्रवाई करना बिल्कुल सही है व थी। वहीं अगर उक्त डंपर मालिक हो या अन्य कोई भी जिसने अवैध संपत्ति अर्जित कर रखी है या कानून के विरुद्ध अपने नाम से कर रखी है तो प्रशासन किसी घटना की मोहताज नहीं है उन्हें रूटिन में उनके विरुद्ध कार्रवाई करना होता है। लेकिन उक्त दुर्घटना के बाद जिले का स्थानीय प्रशासनिक अमला ऐसा हरकत में आ गया कि, मानो प्रशासन किसी दुर्घटना के बाद दुर्घटना करने वाले वाहन मालिक व उसकी संपत्तियों को जमीदोज कर देंगे! लेकिन ऐसी कार्रवाई कलेक्टर के साथ हुई दुर्घटना के बाद ही क्यों...? की चर्चा होने लगी।
अगर इस दुर्घटना को किसी षड़यंत्र पूर्वक सुपारी किलर के रूप में कलेक्टर को नुकसान पहुंचाने की नीयत से रेकी कर दुर्घटना को अंजाम दिया गया है, तो इसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए और सख्त से सख्त कार्रवाई ऐसे सुपारी किलर के विरुद्ध होना चाहिए। अगर यह दुर्घटना किसी चालक की चूक से हुई है तो इसमें महज चालक अपराधी होकर जो कार्रवाई अन्य दुर्घटनाओं के समय होती है वही होना चाहिए यह लोग कह रहे है।
सजेली रेलवे पुल के पास हुई 10 की मौत, पेटलावद कथित टॉकीज बिलिं्डग में हुई दो की मौत व झाबुआ दुर्घटना में महिला की मौत भी बनी चर्चा का विषय
रामकुला नाले के बाद से घाटी है वहीं डिवाइडर के समीप स्पीड ब्रेकर भी है, ऐसे में डंपर की गति कहीं न कहीं कम होने के चलते ही उक्त दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ यह कहा जा सकता है। लेकिन शायद कलेक्टर मैडम के अधीन प्रशासनिक अमला मैडम को खुश करने के लिए डंपर मालिक रेत माफिया राणापुर के शांतिलाल बसेर एवं पुत्र के हैं पता चला। उसके बाद अमला ऐसा सजग हो गया कि, डंपर मालिक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का संकेत देते हुए डंपर चालक से सख्त पूछताछ कर कल्याणपुरा के समीप जहां रेत खाली करके यह डंफर आया था वहां प्रशासन पहुंचा पर वहां रेत नहीं मिली और प्रशासन पंचनामा बनाकर आ गया। वहीं राणापुर तहसीलदार को जांच अधिकारी बनाकर डंपर मालिक की संपत्ति का ब्यौरा निकाला जा रहा है। वहीं प्रशासनिक अमला राणापुर ब्लॉक की पाडलवा ग्राम स्थित शांतिलाल बसेर के ऑफिस पर पहुंचा और कार्रवाई की। वही परिसर में शांतिलाल बसेर की बसे व अन्य डंपर भी खड़े मिले। अब प्रशासन के द्वारा दावा किया जा रहा है कि, उक्त स्थान पर सर्वे नंबर 536/1 होकर आदिवासी का है और 170 की कार्रवाई कर उक्त भूमि को कब्जा मुक्त करवाकर मूल मालिक के सुपुर्द की जाने की कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं अन्य कार्रवाई भी करने में प्रशासन जुटा है।
दुर्घटना के बाद डंपर मालिक के विरुद्ध प्रशासन की उक्त कार्रवाई को देखते हुए चर्चा होने लगी कि, सजेली में 10 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें क्या प्रशासन ने ट्रक मालिक या रेलवे ब्रिज बनाने वाले उस ठेकेदार के विरुद्ध इस तरह से कोई कार्रवाई की गई...? जिसकी गलती के चलते 10 लोगों की मौत हो गई।
वहीं दूसरा पेटलावद में कथित रूप से बन रहे सिनेमाघर जो कि, बिना परमिशन से बना रहा था और दूसरी मंजिल की छत भरते समय ढह गई और दो की मौत हो गई। जिसमें मालिक, इंजीनियर व ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की गई लेकिन इनकी कोई अन्य संपत्ति का ब्यौरा नहीं निकाला। वहीं नगर परिषद ने पृष्टि की कि, उक्त निर्माण बिना परमिशन के हो रहा था ऐसे में निर्माण होते हुए भी अवैध निर्माण को नहीं रोकने वाले अधिकारी भी गुनहगार थे लेकिन उनके विरुद्ध ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं की गई...? कहा जा रहा है।
वही 18 जुलाई को एक वाहन ने 3 महिला को टक्कर मार दी और उसमे से एक महिला की मौत भी हो गई। कहां जा रहा है कि, यहा परिजनों ने दुर्घटना स्थल से उस वाहन की नंबर प्लेट दी जो दुर्घटना के बाद गिर गई थी। लेकिन परिजनों के विरोध के बाद 11 दिन बाद पुलिस ने कार जप्त की।
थांदला पुर्व विधायक कलसिंग भाभर के कार चालक ने कलेक्टर की इस दुर्घटना के एक दिन पुर्व ही रविवार को बड़ी दुर्घटना को अंजाम दिया था जिसमें 3 व्यक्ति घायल हुए थे। क्या कलेक्टर के इस प्रशासनिक अमले ने यहा भी इस तरह से कार मालिक के विरूद्ध कार्रवाई की गई...? ऐसे में प्रशासनिक दोहरी कार्रवाई भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
हमारी कलम भी प्रशासनिक विधि सम्मत कार्रवाई का विरोध नहीं करती है। पर जो कार्रवाई नियमित व स्थाई रूप से करनी चाहिए पर वह नहीं कर इस तरह से कोई घटना- दुर्घटना घटने व किसी अपराध के बाद ही इस तरह से कार्रवाई की जाने पर चर्चा का विषय तो बनता ही है।
यह भी होने लगी चैराहे पर चर्चा
बात तो यह है कि, पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखने वाली कलेक्टर व उनका प्रशाासन वहां सीसीटीवी नहीं लगा पाया जहां यह दुर्घटना हुई। वैसे तो कलेक्टर मेडम पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखती है और उन्हे यह पता है कि, कौन क्या कर रहा है। मगर उनके बंगले के आसपास दूर-दूर तक कहीं भी कोई सार्वजनिक सीसीटीवी कैमरा मौजूद नहीं है। महज अपने बंगले के बाहरी गेट पर एक कैमरा है जो सिर्फ बंगले में आने-जाने वालों पर निगरानी के लिए लगा रखा है। मगर उस कैमरे की निगरानी महज बंगले के दरवाजे तक ही सिमित है।
वजह चाहे जो रही हो अब कलेक्टर के साथ हुई दुर्घटना के बाद प्रशासनिक अमला डंपर मालिक पर जमकर धावा बोल रहा है। विडम्बना यह कि इस दुर्घटना के बाद नगरपालिका ने डीवाइडर पर लगे कनेर के पौधों को पूरी तरह से छांट दिया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, शायद कलेक्टर के ड्रायवर को बंगले से निकलते समय डीवाइडर पर लगे कनेर के घने पौधों की आड़ में आता हुआ डंपर दिखाई नहीं दिया और लापरवाही बरतते हुए कलेक्टर के ड्रायवर ने रोड क्रास करते हुए गाड़ी दूसरी तरफ की पट्टी पर डाल दी। इसके बाद दुर्घटना हुई की चर्चाए चैराहो पर हो रही है। और कह रहै है कि, अपनी मां को डाकन कोन कहे की तर्ज पर डंपर चालक और डंपर मालिक को निशाने पर ले लिया गया। खैर मामले में डंपर चालक की जमानत हो चुकी है और मालिक पर शिकंजा कसा जा रहा है।
डंपर व कलेक्टर की कार इस तरह से हुई दुर्घटनाग्रस्त जिसमें डंपर के टायर का टर्न क्लिनर साईट कटा दिख रहा है।
दुर्घटना के बाद ही डंपर मालिक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई केे लिए राणापुर पहुचा प्रशासन।