
डॉक्टर को थमाया नोटिस, पुलिस के पास पहुॅंचा मामला
माही की गूंज, पेटलावद/झाबुआ।
मध्यप्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार के बड़े कारनामे सामने आ रहे और आये दिन कई विभागों के अलग-अलग मामले आ रहे है जो चर्चा के विषय बना हुआ है। कई ऐसे मामले सामने आये जिंसमे मध्यप्रदेश सरकार की भारी किरकिरी हुई है । अब झाबुआ जिले के पेटलावद विकास खण्ड में फर्जी स्थानांतरण आदेश का बड़ा मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य विभाग के उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर अरूण दास बेरागी, अपना स्वास्थ्य विभाग भोपाल से जारी स्थानांतरण आदेश लेकर रिलीव होने के लिए विकास खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी के पास पहुँचे। जहा से मामला जिला अधिकारियो तक पहुँचा। आदेश की पुष्टि के लिए जांच की गई तो पता लगा पूरा आदेश फर्जी है। और जिस अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर कर आदेश जारी किया उनके द्वारा कहा गया कि, आदेश उनके द्वारा जारी नही किया गया। मामला सामने आने के बाद आदेश लेकर आने वाले डॉक्टर को नोटिस जारी किया गया।
ये है मामला
स्वास्थ्य विभाग पेटलावद मे फर्जी स्थानांतरण का मामला आया है। सरकार की और से ट्रांसफर नीति लागू की गई थी। जिंसमे कई कर्मचारियों ने अपने-अपने स्तर से स्थानांतरण करवाने की कोशिश की थी। पेटलावद विकास खण्ड के ग्राम बैंगनबड़ी उप स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर अरुण दास बैरागी का स्थानांतरण आदेश, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन भोपाल द्वारा दिनांक 17 जुलाई 2025 को अपर मिशन संचालक मनोज कुमार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश द्वारा डॉक्टर द्वारा जारी किया। उक्त आदेश में अरुण कुमार बेरागी को बेंगनबड़ी से उप स्वास्थ्य केंद्र खेड़ीकला विकास खण्ड सैलाना जिला रतलाम ट्रांसफर किया गया। आदेश के बाद डॉक्टर बेरागी, आदेश की प्रति लेकर नवीन पदस्थापना के स्थान के लिए रिलीव होने के लिये विकास खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी के पास पहुँच गए। जहा आदेश सामने आने के बाद इसकी पुष्टि करने पर पता चला कि पूरा आदेश ही फर्जी है।
डॉक्टर द्वारा कुटरचित आदेश पेश करने पर जारी हुआ नोटिस
पेटलावद विकास खण्ड से आदेश झाबुआ जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पास पहुँचा, जहा इस प्रकार का कोई आदेश उनके पोर्टल ओर विभाग की साइड पर नही दिखा। बताया जा रहा है आदेश की पुष्टि के लिए अपर संचालक मनोज कुमार सरियाम से सम्पर्क किया गया तो पता चला कि, इस प्रकार का कोई आदेश इस दिनांक में उनके द्वारा जारी ही नही किया गया।
बताया ये भी जा रहा है कि, अपर संचालक जारी आदेश दिनांक 17 जुलाई को इंडिया में ही नही थे। फर्जी आदेश सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप झाबुआ से भोपाल तक मच गया। तथा ताबड़तोड़ आदेश दिखा कर कार्यमुक्त होने की कोशिश करने वाले डॉक्टर बैरागी को अपर संचालक भोपाल द्वारा नोटिस जारी किया गया। 25 जुलाई 2025 को डॉक्टर अरुण कुमार बेरागी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। नोटिस में साफ लिखा गया कि, आपके द्वारा जिला स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष कूटरचित एवं संदिग्ध आदेश प्रस्तुत किया गया है। जो स्वास्थ्य विभाग कंडिका 11.1 का उल्लंधन है और इसका जवाब 31 जुलाई तक पेश किया जाए, अन्यथा आपके विरुद्ध कार्रवाई कर तत्काल आपकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी ।
पुलिस के पास पहुँचा मामला
इस सम्बंध में पेटलावद स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ एमएल चौपड़ा से जानकारी ली तो उन्होंने माही की गूंज को फर्जी स्थानांतरण आदेश मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि, विभागीय प्रक्रिया के अनुसार कार्यमुक्त के आदेश सहित डॉक्टर बैरागी द्वारा संपर्क करने का मामला जिला अधिकारी को पहुँचाया गया था। जहा से आदेश संदिग्ध होने के कारण जांच की गई और आदेश सही नही होकर फर्जी पाया गया। बीएमओ ने बताया कि, उक्त मामले में डॉक्टर बैरागी द्वारा चौकी सारंगी में लिखित शिकायत की गई है और विभाग स्तर से इसकी जांच की जा रही है। डॉक्टर को अपर मिशन संचालक द्वारा भी नोटिस जारी किया गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बेंगनबड़ी में पदस्थ डॉक्टर अरूण बैरागी ने अपने आवेदन में किसी महिला पर पैसे लेकर फर्जी आदेश देने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है कि, ट्रांसफर के लिए डा. ने 6 अंको में राशि दी थी और बदले में फर्जी आदेश प्राप्त किया और फसते नजर आ रहे है।
बिचौलियों ओर दलाली की बड़ी गैंग की पुष्टि
शासन की ट्रांसफर नीति पर वैसे ही सवाल खड़े होते रहे है और ट्रांसफर के लिए बड़े लेनदेन के आरोप भी सामने आए है। पेटलावद में सामने आए मामले के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच, किसी भी कार्य के लिए बिचौलियों ओर दलालों की बड़ी गैंग के काम करने का मामला सामने आया है। जिससे मोहन सरकार के काम-काज पर सवाल उठने लगे है। पेसो की बड़ी लेनदेन कर ये बिचौलिए, कर्मचारियों और अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए लाखों की डील कर रहे है। पूरा मामला जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि, इस प्रकार का ये एक ही मामला है या इस प्रकार के ओर भी स्थानांतरण हवा में ही फर्जी आदेशो पर कर दिए गए या फिर कोई बड़ा सिंडिकेट इस पूरे मामले में काम कर रहा है? इस मामले में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की क्या भूमिका रहेगी ये देखना दिलचस्प रहेगा। क्योंकि ऐसे मामलों में अकसर बड़े लोगो का हाथ होता है। मामला बहार आने के बाद विपक्ष की भूमिका भी देखना होगी जो लगातार सरकार की नीयत ओर नीति पर सवाल उठा रही है। और इस प्रकार के मामले, सरकार पर लगाये जा रहे आरोपो की पुष्टि करते है।
बेंगनबड़ी में पदस्थ डॉक्टर अरूण दास बैरागी के स्थानांतरण का फर्जी आदेश।
कुटरीचित ओर फर्जी दस्तावेज पेश करने वाले डॉक्टर को भोपाल अपर मिशन संचालक द्वारा जारी नोटिस।