
बीआरसी ने कहा भवन ज्यादा पुराना नही, उपयंत्री ने कहा भवन जर्जर नहीं
माही की गूंज, पेटलावद/बामनिया।
विगत दिनों राजस्थान के झालावाड़ जिले में एक स्कूल के ढह जाने से हुई सात बच्चों की मौत के बाद जिले के ग्रामीण क्षेत्रो में बने वर्षो पुराने जर्जर स्कूल भवनों को लेकर ग्रामीण सक्रिय हो गए है। विकास खण्ड पेटलावद के बामनिया संकुल क्षेत्र के ग्राम सेमलफलिया ग्राम पंचायत रामपुरिया स्थित शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय है। जहाँ लगभग 50 से 60 बच्चे स्कुल मे पढाई करते है। स्कुल का भवन काफी जर्जर स्थिती में होकर भवन की छत का प्लास्टर गिरने लगा है एंव छत के सरीये बहार आने लगे है। स्कुल की दीवारे भी काफी जर्जर होती जा रही है एंव उसमे भी दरारे पड रही है। ग्रामीणों ने इस सम्बध में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और बीआरसी को आवेदन सौंप कर स्कूल अन्य स्थान पर लगाये जाने की मांग की है। ग्रामीणो ने बताया कि, स्कुल कि स्थिती देखते हुए हमको भी स्कुल की जर्जर हालत से डर लग रहा है कि कोई बडी दुर्धटना न हो जाये जिससे स्कुल में पढ रहे बच्चो की जान पर आ जाये। स्कुल भवन वर्षों पुराना जर्जर हालात है जिसमे बच्चो की जान को खतरा है। ग्रामीणों ने मांग है कि उक्त भवन को नवीन भवन के रूप में निर्माण किया जाए एंव वर्तमान स्कुल भवन में बच्चो को जजर्र भवन में बैठने से रोक कर अन्य सुरक्षित भवन में स्कुल का स्थान परिवर्तन किया जाए।
पूर्व में भी कर चुके है आवेदन
एक बार यहां फिर से प्रसाशनिक लापरवाही सामने आई है। ग्राम रामपुरिया के ग्रामीणों ने शिकायत में बताया कि, इस भवन की खराब हालत की देखते हुए पुर्व में भी आवेदन देकर शासन-प्रशासन से स्कुल की हालत सुधारने की मांग कर चुके है लेकिन इस और कोई ध्यान नही दिया गया है।
बीआरसी रेखा गिरी ने इस विषय मे बताया कि, हमारे द्वारा बच्चों को किराए के भवन में शिफ्ट किया गया है और उपयंत्री को भेज कर भवन की जांच करवाई गई जिंसमे उपयंत्री ने बारिश का पानी स्कूल में जाने से भवन में नुकसान होना बताकर भवन की स्थिति ठीक होना बताई है। ग्रामीणों की जानकारी के आधार पर जिले से उपयंत्री बुला कर जांच करवा लेगे। बीआरसी रेखा गिरी ने ये भी बताया कि, जनपद के माध्यम से भवन का निर्माण हुआ था और भवन ज्यादा पुराना नही है।