माही की गूंज, अमझेरा।
कुशवाह समाज की धर्मशाला में चल रही श्री शिवमहापुराण कथा सत्संग के पांचवे दिन शिव विवाह का प्रसंग कथाकार वासुदेवजी शर्मा के द्वारा विस्तारपूर्वक बताया गया। जिसके तहत हरि मंदिर माताजी की हवेली से शिव बारात ढोल-ढमाके साथ निकाली गई। जिसमें मंदिर मनीष पारीक शिवजी का स्वरूप लेकर दुल्हा बन कर चले। जिनके साथ में रास्ते भर बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन नाचते-गाते हुए चले। बारात के कथा स्थल पर पहुंचने पर षिव बारात का भव्य स्वागत किया गया एवं उपस्थित श्रद्धालुओं के द्वारा उन पर पुष्प वर्षा की गई। पण्डितों के द्वारा मंत्रोचार के साथ शिव विवाह के दौरान वरमाला पहना कर विवाह संपन्न कराया गया। कथा के विश्राम पर आरती उतार कर प्रसादी का वितरण किया गया।