माही की गूंज, बड़वानी (राजपूर/लिम्बई)
जिले के गाँव लिम्बई में रहने वाली 7 वर्षीय अर्शी वालिद खलील मंसुरी ने पवित्र माह रमजान का पहला रोजा रखकर रोजा पूर्ण करने में कामयाबी हासिल की है। माहे रमजान के पहले दिन ही तेज गर्मी के बीच जहां बड़े लोग बड़ी मुश्किल से रोजे रख रहे है। इसी तेज गर्मी में मासूम बच्चे भी रोजा रखने से पीछे नहीं हट रहे है। 6 वर्षीय अर्शी ने तेज गर्मी के बीच अपना पहला रोजा रखा। परिवार के सदस्यों ने हौसला बढ़ाए रखा है। दिन चढ़ने के साथ रोजेदार को परेशानी तो होती है लेकिन वे अपना रोजा किसी भी हालत में नहीं तोड़ते। शाम को मगरिब की अजान होते ही खिले चेहरे के साथ अपने घर के बड़े रोजेदारों के साथ ये बच्चे भी रोजा खोलते हैं। श्याम के वक़्त इफ्तार के दस्तरख्वान पर सभी एक साथ बैठ कर दुआ करते हुए अल्लाह से सबकी खुशी, चैन, तरक्की, अपने देश-दुनिया और अपने मुल्क में अमनो-अमान व सलामती की दुआ
पहली बार रखा रोजा
पहली बार रोजा रख अर्शी ने बताया कि, पहले घर में बड़ों को रोजा रखते देखकर उन्हें भी रोजा रखने की इच्छा होती है। इसलिए मैंने सुबह सेहरी कर रोजा रखा लिया घर के सदस्यों ने बहुत समझाया की आप अभी बहुत छोटे हैं, अगलेे साल रोज रखना पर उसकी जिद के आगे किसी की नहीं चली और फिर परिवार के सभी सदस्यों ने इस नेक काम में उस का हौसला बढ़ाया और उसका पहला रोजा कामयाब हुआ।
रमजान के पाक महीने में छोटे बच्चे ने रोजा रखकर की इबादत
रमजान के पाक महीना शुरू हो गया है एसे में पूरे देश मे लोग रोजा रखकर इबादत कर रहें हैं । वहीं हम अगर लिम्बई की बात करें तो यहां पर छोटे बच्चों ने रमजान के पाक महीने में रोजा रखकर इबादत किया। नमाज पढ़ी और अल्लाह पाक से दुवा मांगी। वहीं बच्चीने रोजा रखा और कुरान शरीफ की तिलावत कर रहे।
9 वर्षीय आशिया ने बताया कि, आज पहला रोजा है। और मुझे बहुत खुशी है कि हम रोजा हैं साथ ही हम आज के दिन नमाज पढ़ रहे हैं और तिलावत भी कर रहें हैं और अल्लाह पाक से दुआ कर रहें हैं कि अपने मम्मी पापा के सपनों को हम साकार कर सकें। वहीं रोजेदार आशिया का कहना था कि आज हम रोजा रखकर इबादत कर अल्लाह से दुआ मांग रहें हैं। बताते चलें कि रोजेदार आशिया की उम्र लगभग 9 वर्ष है।