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आयुष्मान योजना में नगद राशि लेने वाले प्रायवेट चिकित्सा संस्थान पर कार्रवाई हेतु कलेक्टर ने लिखा पत्र
माही की गूंज, बड़वानी
कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने के उपरान्त भी मरीज से नगद राशि लेने वाले सेंधवा के आनंदम हास्पीटल पर कार्रवाई करने हेतु प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होने उल्लेख किया कि, जनसुनवाई में प्राप्त शिकायत पर करवाई गई जाॅच के दौरान पाया गया कि रोगी के जाॅघ की हड्डी का आपरेशन योजना के तहत करने के पश्चात भी उक्त संस्थान द्वारा संबंधित आवेदक से 21 हजार 103 रूपए लिए गए, जो अनुचित है। अतः संबंधित संस्थान पर कार्यवाही की जाए। वहीं अभी तक संस्थान द्वारा योजना के तहत 1 हजार 364 प्रकरण में पैकेज का लाभ देकर शासन से 1 करोड़ 8 लाख 54 हजार 935 रूपए प्राप्त करने की भी विस्तृत जाॅच करवाई जाए। जिससे यदि अन्य कोई प्रकरण में भी इस प्रकार की अनुचित राशि ली गई, तो वह सामने आ सके।
साथ ही कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों एवं आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी को भी चेतावनी दी है कि, वे योजना के लाभार्थियो से चर्चाकर जानकारी प्राप्त करें कि, उन्हें योजना का लाभ लेने में कही कोई परेशानी तो नही आई है। साथ ही कलेक्टर ने योजना के तहत चयनित अस्पतालो में योजना की विस्तृत जानकारी देने वाले बोर्ड भी अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिये है। वहीं चेताया है कि, उक्त आदेश का पालन नहीं होने पर दोषियों पर स्थानीय स्तर से भी कठौर कार्यवाही की जाएगी। जिसमें एफआईआर जैसी कार्यवाही भी सम्मिलित होगी।
घटनाक्रम अनुसार तहसील पानसेमल के ग्राम बादरियाबड़ के आवेदक वीरसिंह काठिया भौसले ने 16 फरवरी को जनसुनवाई में शिकायत दर्ज करवाया था कि, उन्होने उक्त प्रायवेट संस्थान में 7 जनवरी को अपनी माॅ श्रीमती पिंजारीबाई को आयुष्मान भारत योजना के तहत एडमिट करवाया था। जहाॅ उनसे नगद में 21 हजार 103 रूपए लिए गए है। इस पर कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर सुश्री अंशु जावला, डाॅ. गजेन्द्र सोलंकी एवं आयुष्मान योजना के डिस्ट्रीक्ट क्वाडीनेटर की टीम बनाकर उक्त शिकायत की जाॅच करवाई थी।
जाॅच के दौरान पाया गया कि श्रीमती पिजांरीबाई की कुल्हे की हड्डी टूट जाने के कारण आनंदम हास्पीटल सेंधवा में 7 से 11 जनवरी तक भर्ती करवाया गया था। इस हेतु आनंदम हास्पीटल द्वारा आयुष्मान योजना के तहत श्रीमती पिजांरीबाई के लिये पैकेज का चयन 9 जनवरी को किया गया। जिसके कारण अस्पताल प्रबंधन ने 7 एवं 8 तारीख में उनसे 21 हजार 103 रूपए की नगद राशि ली। इस हेतु जाॅच के दौरान अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि, इलाज के दौरान यदि कोई काम्प्लीकेशन होता है तो वह आयुष्मान योजना के तहत कव्हर नहीं होता। जो कि सत्य नहीं है, क्योंकि पैकेज में आयुष्मान रजिस्ट्रेशन से 7 दिन पूर्व तक के समस्त प्रकार के ओपीडी खर्च, जाॅच खर्च, उक्त पैकेज में शामिल होते है। इस प्रकार यदि कोई राशि ली गई है तो उसे हितग्राही को रिफण्ड करना होता है।
जाॅच में पाया गया कि, श्रीमती पिंजारीबाई 7 से 11 जनवरी कुल 5 दिवस भर्ती रही। इस दौरान उनसे 7 एवं 8 जनवरी का रूम चार्ज, एक्सरे, ब्लड हेतु उक्त राशि ली गई। जबकि अस्पताल प्रबंधन को योजना के तहत 5 दिवस की राशि शासन से प्राप्त हुई।