Saturday, 08 ,June 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

जयेश का सहायक संचालक (स्कूल शिक्षा विभाग) पद पर हुआ चयन | अनीता बनी भाजपा की पहली महीला सांसद | अबकी बार...मजबूत विपक्ष वाली सरकार | रोज-रोज के विवादों से तंग आकर पति ने की पत्नी की हत्या, बाद में काटी अपने हाथ की नस दोनो की मौत | असामाजिक तत्वों ने उखाड़ी जोहो पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मूर्तियां, ग्रामीणों में आक्रोश | नगर गौरव मुनिश्री पुण्य सागर जी महाराज का 27 दिन पश्चात होगा 2 जून को मंगल विहार | विशाल भण्डारा कर मनाया साई बाबा का 26 वाँ स्थापना दिवस | एसडीओपी व थाना प्रभारी ने खेल मैदान में कई शिरकत | लुट का पुलिस ने किया खुलासा | शराब जप्ती की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही | भीषण गर्मी में सामूहिक वर्षीतप आराधना जारी, एकान्तर उपवास के सामूहिक होते है पारणें | देशी कट्टे के साथ पकडाया 30 हजार का ईनामी आरोपी | पांच दिवसी नानी बाई के मायरे की कथा में पधारे कई श्रद्धांलू | जिन शासन का मनाया 2580वां स्थापना दिवस | ग्रामीण अंचलों में बनी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क पर बेखोफ दौड़ रहे ओवरलोड डम्फर, जिम्मेदार नहीं कर रहे कोई कार्रवाई | वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स एसोसिएशन की बैठक का हुआ आयोजन | सांसद की माताजी का निधन, भाजपा में शोक की लहर | श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भजनों पर थिरके भक्त, बही भागवत गंगा | लोकसभा चुनाव जोबट विधानसभा क्षेत्र के ग्राम आम्बुआ में शांति पूर्वक संपन्न | चौथे चरण का मतदान सम्पन्न, सैलाना विधानसभा में सबसे ज्यादा मतदान |

खरीफ में पैदा होने वाली फसले अब रबी में भी
18, Feb 2024 3 months ago

image

माही की गूंज, आम्बुआ।

           देश में हो या प्रदेशों में मौसम के अनुसार फसले पैदा की जाती रही है। इन्हीं में खरीफ तथा रबी की फसले पैदा की जाती रही बे मौसम फसले नहीं बोई जाती थी और ना ही बे पैदा होती थी मगर देखा जा रहा है कि, विगत कुछ वर्षों से बे  मौसमी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है तथा वह अन्य मौसम में अपनी वास्तिक मौसम के उत्पादन से भी अधिक उत्पादन दे रही हो तो आश्चर्य तो होगा ही...?

         जैसा कि विदित है कि खरीफ के मौसम की फसलों में मक्का, तिल्ली, बाजरा, मूंग तथा ज्वार बाजरा एवं मूंगफली कुछ तेजी ऐसी फसले है जो कि खरीफ में भी भरपूर पैदावार देती है। उसी तरह रबी के मौसमी फसलों में गेहूं, चना, मटर, सरसों, राय, सूरजमुखी आदि प्रमुख है। जो कि रबी में बोने पर अधिक उत्पादन देती है रबी की फसले वर्षाकाल यानि की खरीफ के मौसम में नहीं बोई जाती है। क्योंकि ये अधिक पानी तथा धूप नहीं मिल पाने के कारण खराब हो जाती है इसलिए कृषक इन्हें खरीफ की फसलों में नहीं बोते हैं।

           मगर देखा जा रहा कि खरीफ की प्रमुख फसले मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, मूंग तथा तिल्ली गर्मी के मौसम यानी की शीत तथा गर्मी के मौसम में जिन्हें रबी का मौसम कहा जाता है में बोने का चलन बदला जा रहा है तथा उत्पादन भी खरीफ की फसल से अधिक होता देखा जा रहा है। कृषक कलम सिंह कनेश (भोरदू), राजू पटेल (वड़ी), डूंगरसिंह (कुण्ड), नारायण सिंह चौहान (अडवाड़ा), नादान सिंह रावत (ईटारा), विक्रम सिंह रावत (देकालकुआ) जगत सिंह (आम्बी) अमरसिंह डुडवे (मोटाउमर), रमेश बघेल (झौरा), रूमसिंह भूरिया (चिचलाना) आदि ने बताया कि गर्मी में इन फसलों को इसलिए पैदा किया जाता है कि इनमें कीट पतंगे तथा अन्य प्रकार की बीमारियां ठंड तथा गर्मी के कारण नहीं होती है। हालांकि सिंचाई की व्यवस्था करना पड़ती है गेहूं की फसल से कम सिंचाई में यह फसले हो जाती है। इसलिए खरीफ की मक्का, मूंगफली, तिल्ली, मूंग, ज्वार, बाजार रबी में बो कर अधिक आय प्राप्त की जा रही है।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |