पुलिस ने आयोजित किया नवीन आपराधिक कानून 2023 के लिए जागरुकता कायर्क्रम
माही की गूंज, उदयगढ़।
1 जुलाई से सम्पूर्ण भारत में नवीन आपराधिक कानून 2023 लागू होने जा रहे हैं। थाना प्रभारी बृजभूषण द्वारा मांगलिक भवन में आयोजित परिचर्चा कार्यक्रम स्थानिय मांगलिक भवन उदयगढ में पुलिस के द्वारा संचालित किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम मे नवीन आपराधिक कानून पर नागरिकों के अधिकार, महिलाओं, बच्चों के लिए विशेष प्रावधानों, साक्षी संरक्षण योजना, पीडित के अधिकारों तथा संगठित अपराधी, न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी के समावेश के विषय में अवगत-काराया। परिचर्या में पत्रकार साथियों के नवीन कानून से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान पुलिस थाना के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में पत्रकारगण उपस्थित रहे तथा नवीन अपराधिक कानून लागू होने वाले दिन थाना उदयगढ पर विद्युत साज-सज्जा की गई। जिसमें स्थानीय एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहें।
प्रमुख बदलाव:-
1. E-FIR का प्रावधान किया गया है, अब किसी भी गंभीर अपराध की e-FIR घर बैठे भी दर्ज कराई जा सकती है। और 03 दिवस के भीतर थाने पर जाकर FIR पर हस्ताक्षर करने होगे।
2. आपराधिक न्याय प्रणाली के सभी चरणों का व्यापक डिजिटलीकरना किया गया। तलाशी और जब्ती की चीडियोग्राफी की जायेगी। इसमें ई-रिकॉर्ड, जौरी-FIR, e-FR, समन, नोटिस, दस्तावेज प्रस्तुत करना और ट्रायल शामिल हैं।
3. व्हाट्सअप नम्बर पर भी पीडित को उसके केस में अनुसंधान में क्या प्रगति हो रही उसकी सूचना दी जावेगी। इसलिए पीडित को अपना व्हाटसअप नम्बर उपलब्ध कराना होगा।
4. समंस/वारंट भी अब नवीन आपराधिक प्रक्रिया में इलेक्ट्रानिक माध्यम जैसे व्हाट्सअप आदि पर भी तामिल किए जा सकेंगे।
5. झुठे वादे अथवा छदम पहचान के आधार पर यौन शोषण करना अब आपराधिक कृत्य है।
6. 18 वर्ष से कम आयु की युवती के साथ सामूहिक बलात्कार के लिए अजीवन कारावास या मृत्यु दंड का प्रावधान किया गया।
7. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के अधीन लैगिंक अपराध की पीडिता के कथलों की विडियोग्राफी की जायेगी।
8. खात्मा रिपोर्ट न्यायालय में स्वीकृत होने से पूर्व पीडित का पक्ष सुना जावेगा।
9. साक्षी संरक्षण योजना लागू की गई, जिसमें साक्षी को सुरक्षा दी जावेगी।
10. लैगिंक अपराध से पीडित महिला का मेडिकल परीक्षण कोई भी पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी कर सकेगा एवं 07 दिवस के भीतर रिपोर्ट पुलिस को प्रस्तुत करना पडेगा।
11. पुलिस के वैद्य निर्देश को मानने से कोई इंकार नहीं कर सकेगा।