
भतीजे की अंतिम यात्रा शमशान भी नहीं पहुंची थी की काका को आया साइलेंट अटैक
माही की गूंज, काकनवानी।
दिन भर अपने कार्य में व्यस्त रहने वाले शांत स्वभाव एवं धार्मिक प्रवृत्ति के शांतिलाल नाहरसिंह नायक का स्वास्थ्य कुछ दिन से ठीक नहीं था। उन्होंने अपने पुस्तेनी मकान खोलकर नवनिर्माण कार्य शुरू किया था जिसका काम चल रहा था। शांतिलाल को अचानक रविवार सुबह 9:00 बजे साइलेंट अटैक आया जिससे उसी समय उनकी मृत्यु हो गई। ठीक वैसे ही गांव के प्रतिष्ठित धार्मिक प्रवृत्ति एवं सभी से मिलनसार सभी को राम-राम करने वाले हरि ओम करने वाले जिन्हें गांव वाले बापू के नाम से पुकारते हैं। ऐसे वीरले चतरसिंह पिता भैरूसिंह नायक जो थांदला में क्लीनिक चला रहे थे व अपने पोते के साथ रह रहे थे जो मेडिकल काउंटर संभालते थे और सहयोग करते थे, जो की अपने भतीजे की मृत्यु का समाचार सुनकर शाम 4:00 बजे काकनवानी आए और अपने भतीजे की अर्थी पर पुष्प माला अर्पण की श्रद्धांजलि व्यक्त कर अपने निज निवास स्थान पर लौट गए। उन्हें घुटनों की तकलीफ होने से वह अंतिम यात्रा में शामिल न होकर अपने पुराने मकान की ओर जाते हुए उन्हें साइलेंट अटैक आया और रास्ते में उनके पैर डगमगाए और गिरने की स्थिति में थे, इस वक्त आसपास की दुकानदारों ने उन्हें गिरने से बचाया और नीचे बैठते ही उन्होंने दम तोड़ दिया। डॉक्टर के चेकअप करने के बाद उन्हें मृत घोषित किया गया।
आधे घंटे के अंतराल में काका भतीजा की हुई मौत
दोनों की मौत सुनकर पूरा गांव शौक में व्याप्त है। भतीजे की उम्र 63 वर्ष थी और काका 83 वर्ष के उम्र में एक साथ चले गए। शांतिलाल का रविवार को अंतिम संस्कार हो गया तो वहीं सोमवार दोपहर 3:00 बजे काका चतर सिंह की अंतिम यात्रा निकाली जाएगी।