Thursday, 26 ,December 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

आक्रोश सही पर आतंक फैलाना गलत... | जब तक सूरज चांद रहेगा मामा जी का नाम रहेगा... | धूमधाम से मनाया जाएगा क्रिसमस पर्व | खनीज विभाग ने पकड़ा अवैध रेत से भरा ट्राला | नये अधिकारी, नए नियम, आम जनता की फजीयत... | भाजपा संगठन पर्व 2024... | नवीन संकुल केंद्र पर शिक्षकों की बैठक संपन्न | मोहन सरकार का 1 वर्षिय कार्यकाल पूर्णः सभी 29 सिटे जितना उपलब्धि | एसपी ने पुलिस थाना का किया निरीक्षण | जयेश और दिव्यांशी का क्रिकेट कोचिंग के लिए हुआ चयन | समाज सेवा संस्थान के एक दिवसीय आयोजन में 150 से अधिक महिलाओं ने ली सहभागिता | सट्टा खेलते महिला आरोपिया को पुलिस ने किया गिरफ्तार | सहकारी संस्था में यूरिया खाद नहीं, बाजार में मिलता है ऊंचे दामों पर | पुलिस की पोल: हेलमेट ताक पर, तीन व्यक्ति से सवार बाइक ने मारी महिला को टक्कर, चार जख्मी | उपचुनाव जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह | निर्दयी माँ ने अविकसित बच्चे को फेंका कचरे की तरह | डिजिटल अरेस्टः सरकार इतनी असहाय क्यों...? | कृषि मंत्री की मौखिक घोषणा के झांसे में आए किसान को लगी 25 हजार चपत | जनजातीय गौरव दिवस विशेष: धरती आबा भगवान "बिरसा मुंडा" | गौसेवा ही नारायण सेवा है- आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री |

बारिश भी नहीं रोक सकी आस्था के कदमों को
20, Nov 2021 3 years ago

image

वर्षा बंद होने के बाद अंगारों पर नंगे पांव चले मन्नतधारी
महुआ शराब की धार के साथ मुर्गो-बकरों की बलि दी गई भिलवट देव को 
माही की गूंज, आम्बुआ।
        आदिवासी समाज की आस्था का केंद्र बिंदु कहे जाने वाले बाबा भिलवट देवता की पूजा अर्चना जो कि 18 नवम्बर की रात की गई। यह आयोजन एक मेले की शक्ल में मनाया जाता है, रात को आयोजन के पूर्व शाम 6 बजे अचानक हुई तेज हवा के साथ वर्षा ने व्यवधान तो डाला मगर आस्था के आगे उसे भी झुकना पड़ा तथा बारिश बंद होने के बाद मनौती धारियों ने अपनी मन्नत उतारी।
        संवाददाता को प्राप्त जानकारी अनुसार आम्बुआ-अलीराजपुर मार्ग के किनारे पटेल फलियां में स्थित भिलवट देवता जो कि, एक प्राचीन विशाल बरगद के पेड़ के नीचे स्थापित है पर वर्ष में एक बार कार्तिक माह की पूर्णिमा (चौदश की रात) को रात्रिकालीन विशाल मेले का आयोजन होता है। इस वर्ष 18 नवंबर की रात भी आयोजन किया गया, मगर आयोजन में वर्षा ने खलल डाली। शाम 7 बजे से रात 9 बजे तक तेज हवा तथा बादलों की गर्जना के साथ बारिश हुई, इस कारण यहां खाने-पीने, फलों एवं खिलौनों आदि की दुकान वाले व्यापारियों को अपनी दुकानें समेट कर जाना पड़ा जिससे उन्हें आर्थिक हानि उठाना पड़ी। इसके बावजूद वर्षा थमते ही आस्था का सैलाब पुनः उमड़ा तथा पूजा अर्चना की जाने लगी। रात्रि के तीसरे प्रहर में आयोजकों ने लकड़ी जलाकर कोयलें तैयार किए इन्हीं दहकते अंगारों पर मनौती (मन्नत) उतारने वाले नंगे पांव चले तथा महुआ शराब की धार देकर मुर्गो-बकरों की बलि दी। 
        एक अनुमान अनुसार लगभग एक दर्जन से भी अधिक बकरों की बलि दी गई। भिलवट देवता को नारियल, हार-फूल तथा मिठाई आदि का प्रसाद भी चढ़ाया गया। लगभग पूरी रात यह आस्था का कार्यक्रम चलता रहा। संपूर्ण मेले में पुलिस की व्यवस्था चाक-चौबंद रही तथा शांतिपूर्ण तरीके से संपूर्ण आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |