माही की गूंज, चंद्रशेखर आजाद नगर।
आज जयस ने अनुविभागीय अधिकारी भाबरा को ज्ञापन दिया। विधि आयोग के नाम दिए ज्ञापन में आदिवासी हितों, सुरक्षा, संरक्षण, पहचान और अधिकार बचाये रखने के लिए “समान नागरिक संहिता” बिल का विरोध किया। ज्ञापन में कहा, आदिवासी की अलग रीति-रिवाज, परम्परा, संस्कृति और अधिकार हैं। देश की आजादी के 75 वर्षों बाद देश के समस्त आदिवासी के संवैधानिक अधिकार के विरूद्ध "समान नागरिक संहिता” बिल अगले लोकसभा सत्र में आ रहा है। यदि समान नागरिक संहिता आदिवासी समुदाय पर लागु होता हैं, तो हम समान्य नागरिक घोषित हो जाने पर, क्या नुकसान होगा, वह आप-हम अच्छी तरह से जानते है। ज्ञापन देते समय मनोज डामोर, सरदार परमार, दिनेश अजनार, जवसिंह चौहान, दिलीप बामनिया, अजय बामनिया, रमेश मेडा, इकराम गणवा, राजेश भूरिया, राकेश, जितेंद्र गणावा, संजय यादव, पंकज भयडिया, भारत हिहोर, नरेश बामनिया, दिनेश पचाया, दीपक मावी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।