माही की गूंज, रतलाम
जिले के पिपलोदा तहसील के ग्राम रानीगांव में एक दुःखद घटना सामने आई है। एक परिवार में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदल गई। जहां दो दिन बाद इकलौते बेटे की बरात जानी थी, वहां से दूल्हे की अर्थी निकली।
ग्राम रानीगांव के अजय सिंह की शादी पिपलोदा तहसील के आंबा ग्राम में तय हुई थी। कोरोना कर्फ्यू की वजह से केवल घरवालों की उपस्थिति में ही शादी का आयोजन किया जा रहा था। बुधवार की शाम अजय सिंह का विवाह मंडप सजाया गया था, तभी देर रात अचानक से अजय की तबीयत खराब हो गई। उल्टी और घबराहट की शिकायत के बाद अजय को उसके परिजन जावरा हॉस्पिटल लेकर गए जहा इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अजय परिवार का इकलौता बेटा था, जिसकी शादी के अरमान उसके माता-पिता ने सजा के रखे थे लेकिन बरात जाने के पहले ही पिता को अपने बेटे की अर्थी को कंधा देना पड़ गया। इस ह्रदयविदारक घटना से गांव में भी शोक का माहौल है।
अजय के चचेरे भाई वीरपाल सिंह ने बताया कि, अजय सिंह बिजली कंपनी में अस्थाई श्रमिक के तौर पर काम करता था। कोरोना कर्फ्यू के चलते परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में ही उसकी शादी का मंडप सजाया गया था, घर के सभी लोग अजय की शादी से खुश थे। लेकिन रात में अचानक से अजय की तबीयत खराब हो गई और जावरा में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
बहरहाल दुखों का पहाड़ केवल रानीगांव के डोडिया परिवार पर ही नहीं टूटा है बल्कि आंबा गांव की उस बेटी के उम्मीदों के संसार पर भी टूटा है। जिसने दूल्हे अजय के नाम की मेहंदी अपने हाथों पर रचाई थी। 24 वर्षीय दूल्हे अजय की मौत की खबर से रानीगांव ही नहीं पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है।