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स्पेशल डीजी श्री ने पुलिस व अन्य विभागों के अधिकारियों की ली बैठक
माही की गूंज, अलीराजपुर
म.प्र. पुलिस विभाग में स्पेशल डीजी राजेन्द्र कुमार मिश्रा ने अलीराजपुर पुलिस कंट्रोल रूम में राजस्व, पुलिस, बैंकर्स, सहकारिता, न्याय विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण की बैठक ली। बैठक में पुलिस अधीक्षक विजय भागवानी, अपर कलेक्टर सुरेश चन्द्र वर्मा, एएसपी बिट्टू सहगल, एसडीएम अलीराजपुर श्रीमती लक्ष्मी गामड, एसडीओपी पुलिस, समस्त थाना प्रभारी, डीपीओ न्याय विभाग, लीड बैंक मैनेजर सहित अन्य बैंकर्स तथा अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक में स्पेशल डीजी श्री मिश्रा ने चिंट फंड कंपनियों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के माध्यम से किए जाने वाले आर्थिक अपराधों पर अंकुश और आमजन को इससे बचाव हेतु किए जाने वाले प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कानूनी प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने चिटफंड कंपनी के माध्यम से आमजन की मेहनत की कमाई हडपने वालों की बेनामी संपत्ति को सीज करने और कानूनी प्रावधानों के माध्यम से अपराधी को सजा और निवेशकर्ता को उसका रूपया प्राप्त कराए जाने वाले कानूनी प्रावधान तथा जांच संबंधित प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि आमजन से फ्रॉड करके बेनामी संपत्ति एकत्र करने वालों पर भी पेनी नजर रखी जाकर कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाए। बैठक में उन्होंने चैंक बाउंस, आर्थिक अपराधों सहित अन्य अपराधों की थानावार समीक्षा करते हुए उक्त प्रकरणों के निराकरण हेतु सूक्ष्मता के साथ परीक्षण संबंधित आवश्यक दिा निर्देश दिए। उक्त प्रकरणों के फरार अपराधियों के विरूद्ध की जाने वाली कार्रवाई संबंधित कानूनी प्रावधान संबंधित आवयक निर्देश भी दिए। इस अवसर पर उन्होंने बैंकर्स और सहकारिता विभाग के अधिकारियों से आह्वान किया कि, किसी भी आर्थिक अपराध प्रकरण के दौरान बैंकर्स अथवा संबंधित संस्था उक्त संबंधित प्रकरण में आंतरिक जांच अनिवार्य रूप से करते हुए दस्तावेज भी तैयार करें ताकि पुलिस को संबंधित प्रकरण में ठोस साक्ष्य प्राप्त हो सके जो प्रकरण संबंधित अपना पक्ष रखने में मजबूती के साथ काम आ सकें। स्पेशल डीजी श्री मिश्रा ने निर्देश दिए कि, वित्तीय एवं अन्य संस्थाओं द्वारा नियमानुसार कार्य हो यह सुनिचित कराया जाए। उन्होंने बताया पुलिसिंग को साक्त और बेहतर बनाए जाने के उद्देय से उक्त प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। उन्होंने उक्त कार्य की मॉनिटरिंग हेतु पुलिस बीट अधिकारी, थाना प्रभारी, एसडीओपी और जिला स्तरीय अधिकारियों को आवयक निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने जिले में एनजीओ, सहकारी समितियों, वित्तीय संस्थाओं, बैंक आदि के संबंध में जानकारी ली। उक्त संबंध में निर्देश दिए कि संबंधित थाना प्रभारी के पास उनके क्षेत्र में संचालित होने वाली आर्थिक, सामाजिक संस्थाओं की गतिविधियों संबंधित जानकारी होना चाहिए ताकि आमजन के साथ किसी तरह की छल अथवा धोखाधडी को समय रहते रोका जा सकें। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि उक्त प्रक्रियाओं को अपनाकर आर्थिक अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने साइबर क्रांइम की जानकारी देते इसे रोकने और आमजन को जागरूक करने के लिए विष प्रयास किये जाने की बात पर बल दिया। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु फाइनेंयल साइबर क्राइम के प्रति आमजन को जागरूक करने की बात पर बल दिया। उन्होंने जिले में फॉरेन्सीक आडिट यूनिट प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए। साथ ही सामान्य अपराधों के साथ-साथ आर्थिक अपराधों की इन्वेस्टीगेशन को बेहतर बनाए जाने की बात पर बल देने की बात कही, ताकि अपराधियों को समय रहते पकडा जा सकें। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री भागवानी ने जिले में अपराधों और अपराध निराकरण हेतु किये गए प्रयासों की जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारीगण ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।