शोभा यात्रा निकालकर किया माता की प्रतिमा का विसर्जन
माही की गूंज, नानपुर।
श्रावण मास की अमावस्या को घट स्थापना के साथ दस दिन तक चला दशामाता के महोत्सव का समापन हुआ। दस दिन चलने वाले महोत्सव मे प्रजापत् समाज सहित अन्य समाज ने धूमधाम से उत्सव मनाया गया। प्रतिदिन माता की आराधना मे समाज ने व्रत के साथ साथ सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन कर भक्ति मे लीन था। महोत्सव के तहत लोगों ने दस दिन तक दशा माता की पूजा-अर्चना के साथ गरबा नृत्य व भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
प्रजापत समाज के जिला अध्यक्ष राकेश प्रजापत ने बताया कि, श्रावणी अमावस्या को दशा माता की घट स्थापना कर दस दिनों तक पूजा आराधना बड़े उत्साह से की जाती है। इस अवसर पर समाज की माता बहने सहित पुरुष वर्ग व्रत रखकर नित्य उपासना करते है। इस दस दिवसीय आयोजन को लेकर समाज के हर वर्ग के व्यक्तियों अलग ही उत्साह रहता है। दशा माता की प्रतिमा स्थापित कर मां के दरबार में कई धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन का सिलसिला रहता है। दशा माता के महोत्सव के दौरान महिलाओं ने व्रत रखे तथा सुख- समृद्धि की कामना की। गली-मोहल्लों में जगह-जगह पर दस दिन तक माता की प्रतिमा स्थापित कर गरबा, भजन के साथ कई धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ। महिलाओ ने घर-परिवार और समाज की दशा-दिशा सुधारने की मन्नात के साथ दशा माता व्रत की शुरुआत कर अनेक धर्मिक आयोजन किए गए।
ढोल बाजो से नगर में निकली शोभायात्रा
नगर में दस दिवसीय दशामाता पर्व की समाप्ति पर प्रजापत समाज व सभी समाजजन के सहयोग से शोभायात्रा नगर के विभिन्ना मुख्य मार्गों से निकाली गई, इसमें श्रद्धालु माता जी के जयकारे लगाते जा रहे थे। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं भजन-कीर्तन करते व नाचते भी जा रहे थी। शोभा यात्रा में बग्गी रथ पर दशामाता की प्रतिमा थी, जिसके आगे माता बहनो साथ में गरबा रास कर चल रहे थे। शोभायात्रा नगर में घूमती हुई नर्मदा घाट पहुंची, जहाँ विधीविधान से माता का जयकारो के साथ मा नर्मदा जी मे विसर्जन किया गया।
ढोल ढमाको व भजनों के साथ दशामाता को दी नम आँखों से दी विदाई
प्रजापत समाज व अन्य समाज ने खुशहाली की कामना के साथ दशामाता की घटस्थापना की गई थी। दस दिवस तक चलने वाली दशामाता की व्रत-आराधना पर्व की पूर्णाहुति पर गुरुवार सुबह से खुशहाली की कामना के साथ शुरू हुआ माता को विदाई देने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों डीजे के साथ माता की प्रतिमा को विदाई दे रहे थे। श्रद्धालु महिलाओं ने घर-परिवार और समाज की दशा-दिशा सुधारने की मन्नात के साथ दशा माता व्रत-आराधना के पर्व की शुरुआत दस दिन पहले गाजे बाजे- डीजे के साथ की थी। श्रद्धालुओं ने माता की पूजा-आराधना की और सर्वत्र खुशहाली की कामना के साथ प्रतिमाओं को नर्मदा घाट में विसर्जित किया।श्रद्धालु ने मां को नम आँखों से विदाई देते समय भावुक हुए।