मांदल की थाप के साथ लगेगें हर हर महादेव के जयकारे
माही की गूंज, अमझेरा।
धार जिले के प्राचिन एवं पर्यटन स्थल ग्राम सुल्तानपुर के गंगामहोदव में महाशिवरात्री के पावन पर्व पर जहाॅ एक और विषाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें दुर-दुर से हजारों की संख्या में श्रद्वालु भगवान भोलेनाथ के दर्षन एवं मेले को देखने के लिए आते है वहीं दुसरी ओर आदिवासी लोक संस्कृति के सबसे बड़े त्यौंहार भगोरिया पर्व की जिले भर में शुरूआत की जावेगी यहाॅ मांदल की थाप एवं बांसुरी की स्वर लहरियों के साथ ही हर-हर महादेव के जयकारे गुंजायमान होगें । यहाॅ से भगोरिया पर्व की शुरूआत के साथ ही धार जिले की विभिन्न तहसीलों के ग्रामिण अंचलो में होली पर्व के पूर्व तक भगोरिया मेले आयोजित किये जाऐयें।
गंगामहादेव एक प्राचीन तीर्थ स्थल होकर रमणीक स्थान है जहाॅ बारिष के दिनों में इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है चारो और पहाड़ी से घिरे स्थान में जब उंचाई झरना गिरता है तो एक जल प्रपात कर तरह हो जाता है । गंगामहादेव में दो शिवलिंग है जिसमें एक शिवलिंग का मंदिर पुरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर विरान जंगल में है वहीं दुसरा शिवलिंग पहाड़ी के नीचे स्थित है जिसकी पौराणिकता द्वापरयुगीन है बताया जाता है कि वनवास के दौरान पाण्डव यहाॅ आये थे तथा उन्ही के द्वारा शिवलिंग की स्थापना की गई थी मान्यता है कि शिवलिंग पर जल चढाने से सारी मनोकामनाए पुरी हो जाती है यही कारण है यहाॅ दुर-दुर से श्रद्धालुजन यहाॅ भुतभावन भगवान भोलेनाथ के दर्षनों के लिए आते है।