रहवासियों की आपत्ति के बाद नगर परिषद के बदले सुर, अटल बस्ती के पीछे कट रही नई कॉलोनी का मामला
माही की गूंज, पेटलावद।
नगर के हर मार्ग पर अवैध कॉलोनियां काटने का काम जारी है जिस पर प्रशासन और परिषद की कोई लगाम नही है। कुछ कोलोनिनाजर शासन की मंशा के अनुसार काम कर कालोनी काटने का काम कर रहे है। लेकिन कोलिनी तक सर्व सुविधा और पहुँच मार्ग भी सुगम और सुरक्षित हो ये मंशा भी कोलोनिनाजर की होती है, ताकि कॉलोनी में बिकने वाले प्लेटो की अच्छी कीमत मिल सके। चूंकि ये पहुँच मार्ग शासकीय भूमि और नगर परिषद क्षेत्र में होते है इसलिए स्थानीय एजेंसी से साठ-गांठ बिठा कर कोलोनिनाजर अपने अनुसार काम करवा लेता है। यहाँ वार्ड क्रमांक 8 अटल बस्ती क्षेत्र में नगर परिषद ओर निजी कालोनाइजर की आपसी तालमेल ओर मिलीभगत से गरीब वर्ग के लोग परेशान हो रहे है। नगर के बरवेट रोड़ पर स्थित अटल बस्ती में आवासहीन गरीबो को सरकारी मकानों का निर्माण कर दिए गए है। वर्षो से गरीब वर्ग के लोग अपने परिवार के साथ यहां निवास करते चले आ रहे है। अटल बस्ती के समीप निजी कॉलोनी बनाई जा रही है, जहां पर आने-जाने के लिए पूर्व से ही सरकारी सीसी रोड बना हुआ है। लेकिन कॉलोनाइजर ओर नगर परिषद की मिलीभगत नवीन सीसी रोड जो पहले से कई ज्यादा चौड़ा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसको लेकर रहवासियों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। क्योंकि जहां नगर परिषद द्वारा कालोनाइजर को रोड बनाकर देने का प्रयास किया जा रहा है। मकान की आस लगाए गरीब वर्ग के लोगो अटल बस्ती में जमे हुए है। जिनको उम्मीद है कि, सरकार उन्हें यहां घर बना कर देगी लेकिन रोड के चौड़े होने कारण कई लोगो का सपना अधूरा रह सकता है।
एसडीएम को दिया आवेदन
रोड़ बनाने की जानकारी रहवासियों को लगी तो उन्होंने एसडीएम पेटलावद को एक शिकायती आवेदन देकर रोड़ नही बनाने की मांग की। रहवासी अफरोज पिता मोहम्मद हुसैन, हरीश पिता चुन्नीलाल गवली, मुकेश पिता प्रेमचंद सोलंकी आदि ने बताया कि, शासन की योजना के अनुसार गरीब लोगों को मकान आवंटित किए गए है। बस्ती में पीछे स्थित मकान में आने जाने के लिए करीब 10 फिट का रास्ता स्थित है ओर बस्ती के पीछे निजी भूमि स्थित है जहां उनके द्वारा कॉलोनी काटी जा रही है। कॉलोनी में आने जाने के लिए भी पूर्व से 10 से 12 फिट का रास्ता बना है, लेकिन उक्त स्थान पर सर्वे ओर नप्ती करवाकर रास्ते को चौड़ा किया जा रहा है। रहवासियों ने बताया कि, सरकारी बस्ती में मकानों को तोड़कर रास्ता बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते है। इसके अलावा रहवासियों ने स्थानीय अधिकारियों से लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत भी शिकायत दर्ज करवाई। निजी कालोनाइजर को नगर परिषद रोड़ होने के बावजूद नवीन रोड़ बनाकर देना चाहती थी, नगर परिषद के इंजीनियर खुद मोके पर पहुँचे थे और चुने की लाइन डालकर आये थे, लेकिन रहवासियों के विरोध और आपत्ति के बाद फिलहाल रोड़ बनाये जाने का मामला ठंडा है। वही नगर परिषद के अधिकारियों के भी सुर बदल गए और रहवासियों के द्वारा अतिक्रमण करने का हवाला देकर अपने सुर बदल लिए। जबकि रहवासियों के अनुसार कालोनाइजर ने खुद कहा था कि हम यहां रोड़ का निर्माण करने जा रहे है। नगर परिषद के इंजीनियर दीपक वास्केल ने कहा कि वहाँ रोड़ बनाने की कोई प्रकिया नही चल रही है, रहवासियों ने अतिक्रमण कर रखा था इसलिए चुने की लाइन डाली गई थी।