माही की गूंज, रतलाम।
चोरी कब भी की हो एक न एक दिन पकड़ी ही जाती है। सरपंच बनने के बाद ग्राम विकास की जगह खुद के विकास कर करोड़ो के व्यारे न्यारे करने वाले जनप्रतिनिधि ईमानदार अधिकारीयो से बच नही सकते। ऐसा मामला रतलाम जिले के जावरा विकास खण्ड में सामने आया है। जिसमे स्वयं सरपंच ने ही सरकारी जमीन पर अवैध खनन करवा दिया। मामला जावरा की ग्राम पंचायत भैंसाना का है। मगरे की शासकीय जमीन होने से यहां सरकार मुरम की खदानें लीज पर देती हैं। गांव के पूर्व सरपंच भेरूलाल पाटीदार ने शासकीय जमीन से अवैध उत्खनन किया। जिसकी शिकायत हुई तो मामला जांच में सही पाया गया। अपर कलेक्टर के यहां प्रकरण पहुंचने पर 16 जून 2022 को जुर्माने का आदेश भी हुआ, लेकिन जमा नहीं किया। अब 17 फरवरी को जुर्माना राशि जमा करने का नोटिस जारी हुआ है। जुर्माना भी प्रशासन ने ऐसा भारीभरकम लगाया जो सरपंच का सिरदर्द बना है । प्रशासन ने 10 करोड़ 42 लाख का जुर्माना भरने के आदेश दिए हैं और शुक्रवार को जुर्माना भरने की अंतिम तिथि हैं। ऐसे में सरपंच अपनी सभी संपत्ति बेच दे तो भी चुकता नहीं कर सकता है।
मुरम का अवैध खनन किया
जावरा तहसीलदार न्यायालय द्वारा जारी आदेश में बताया है कि, सरपंच भेरुलाल पाटीदार द्वारा भैसाना की शासकीय सर्वे नंबर 70 व 625 पर मुरम का अवैध खनन किया। इसके लिए अपर कलेक्टर खनिज शाखा द्वारा 10 करोड़ 42 लाख 50 हजार का जुर्माना किया है। यह जुर्माना 17 फरवरी को तहसीलदार न्यायालय में उपस्थित होकर जमा करवाएं। पूर्व सरपंच भेरूलाल पाटीदार ने बताया कि शासकीय कार्य में उपयोग के लिए खनन हुआ था, जो ग्राम पंचायत ने किया था। केवल मुझे टारगेट किया। मुझे इस नोटिस की जानकारी नहीं हैं। राजनीतिक द्वेषता से कार्रवाई की गयी है। जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति का कहना है कि मामले में जांच हुई थी। न्यायालय में प्रकरण चलने के बाद आदेश पारित हुआ है।