विगत एक वर्ष में शासन को हुई 7 करोड रुपए से ज्यादा की राजस्व आय
माही की गूंज, रतलाम।
कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा जिले में अवैध कालोनियों पर ली गई एक्शन का सकारात्मक नतीजा सामने आया है। इससे जहां वैध कालोनियों की संख्या में वृद्धि हुई है वही शासन की राजस्व आय में भी आशातीत बढ़ोतरी देखने में आई है। विगत 1 वर्ष में कॉलोनाइजर्स से प्राप्त किए गए विभिन्न शुल्क के रूप में शासन को 7 करोड 4 लाख 11 हजार रुपए राजस्व आय प्राप्त हुई हैं। इसका एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि जिले में भूखंड़ों के खरीदार फर्जीवाड़े की चिंता से मुक्त हुए हैं। अब जहां भूखंड खरीद रहे हैं वह निश्चित रूप से वैध कॉलोनी होगी।
कलेक्टर कार्यालय की कॉलोनी सेल ने बताया कि, पिछले 5 मई से लेकर अब तक की अवधि में प्रशासन को सर्वाधिक राजस्व आय विकास अनुमति शुल्क के रूप में 6 करोड़ 94 लाख 44 हजार रुपए प्राप्त हुए है। इसमें नगर निगम रतलाम क्षेत्र में विकास अनुमति शुल्क 5 करोड़ 4 लाख 89 हजार रुपए तथा जिले के नगर पालिका क्षेत्रों से 1 करोड़ 15 लाख 52 हजार रुपए विकास अनुमति शुल्क सम्मिलित है। विकास अनुमति शुल्क के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों से 74 लाख 44 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी श्री अरुण पाठक ने बताया कि कॉलोनाइजर्स से रजिस्ट्रीकरण शुल्क के रूप में कुल 9 लाख 25 हजार रुपए प्राप्त हुए हैं। कलेक्ट्रेट की कॉलोनी सेल शाखा को 7 लाख रुपए तथा निगमायुक्त को 2 लाख 25 हजार रुपए रजिस्ट्रीकरण राशि के रूप में प्राप्त हुए हैं। विगत 1 वर्ष में कॉलोनी सेल द्वारा नगरीय क्षेत्रों के लिए 10 रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र कॉलोनाइजर्स को प्रदान किए गए हैं। इसी अवधि में ग्रामीण क्षेत्र के लिए 9 कॉलोनाइजर्स को रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। विकास अनुमति शुल्क में आश्रय शुल्क, अतिरिक्त आश्रय शुल्क, पर्यवेक्षण शुल्क, भूमि विकास तथा कर्मकार मंडल शुल्क सम्मिलित है।