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जिले में बंगाली डॉक्टरों का आतंक
13, Oct 2023 1 year ago

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जिला कलेक्टर की ओर से आदेश और निर्देश लेकिन कोई भी अधिकारी व कर्मचारी नही करता कार्रवाई

जिला स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी खुद बंगालियों डॉक्टर से मिलकर करते है धंधा

माही की गूंज, अलीराजपुर।

          अलीराजपुर जिले में समस्त नगरों, शहरो और छोटे-बड़े गावों व कस्बों में फर्जी बंगाली डॉक्टरों की फौज फर्जी तरीके से आम लोगो का आर्थिक शोषण कर रही है। बिना डिग्रीधारी बंगाली बिना मानक के दवाइयों का उपयोग कर रहे है और दवाइयों से ज्यादा 100 गुना ज्यादा रूपया इलाज के नाम पर वसूल कर रहे है। जिसके बाद आदिवासी और अन्य समाज के लोगो इनकी अमानक दवाइयों के सेवन के आदि होते जा रहे है और इनकी दवाइया कोई भी मेडिकल प्रामाणिकता पर खरी नहीं उतरती। जिसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। अलीराजपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर बेडेकर को जानकारी हो न हो लेकिन बता दे कि, जिले में 1000 से ज्यादा फर्जी बंगाली डॉक्टरों का एक विशाल समूह है जो एक माह में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की दवाइयों का क्रय और विक्रय करता है और स्वास्थ्य विभाग के संबंधित दवाइयों का उपयोग बिना किसी अनुमति के करता हैं। जो भी मेडिकल इनको फर्जी तरीके से दवाई सप्लाय करती है उनकी तो चांदी है लेकिन इन बंगालियों का तो सोना है। क्योंकि अगर 5 करोड़ की दवाई है तो उसकी आमदनी कितनी होगी। जो दवाइयों के दाम 100 गुना बड़ाकर लेते है। जिले भर में जितने भी बंगाली है उन पर जिले भर से कोई भी अधिकारी और कर्मचारी कार्यवाही करने से कतराता क्यों है। जबकि सभी विभागों को पता है यह लोग भी फर्जी है और इनकी डिग्री भी फर्जी और इनके जो दस्तावेज है वो भी फर्जी है। तो फिर इन लोगो पर कार्यवाही क्यों नही होती...? लक्ष्मी के सहारे इन्होंने जो लोग आसपास तैयार कर रखे है उनकी वजह से नेता और अधिकारी हो या आदिवासी संगठन और जनप्रतिनिधि नतमस्तक है।

          दिलीप सिंह भूरिया आप नेता का कहना है कि, जिला कलेक्टर और जिला स्वास्थ्य अधिकारी अगर दो दिन में फर्जी बंगालियों की जिले भर में मौत की दुकानें बंद नही करते है तो आम आदमी पार्टी सड़क पर उतर कर खुद इनकी सारी दुकानें बंद करेगी। जिसमे कुछ भी विवाद हुआ तो उसकी जवाबदारी जिला प्रशासन की रहेगी। क्योंकि बार-बार ज्ञापन और बार-बार स्थानीय अधिकारी और कर्मचारियों को अवगत करवाने के बाद भी कोई भी करवाही नही होना, बंगालियों और प्रशासन की मिली भगत की ओर इशारा कर रही है। आजाद नगर भाभरा अनुविभागीय अधिकारी को हम राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपेंगे, उसमे जिला प्रशासन को राज्यपाल आदेश करे की जिले भर के बंगालियों के हॉस्पिटल और क्लिनिक बंद कर उन पर वैधानिक कार्यवाही करे।


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