
माही की गूंज, अलीराजपुर।
शिक्षा अब सेवा न होकर मोटी कमाई का जरिया बन गई है। सरकारी स्कूल के शिक्षक अब अपने घरों पर निजी कोचिंग सेंटरों का संचालन कर रहे हैं। लगातार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ शिकायतें आती रहती हैं, फिर भी कार्रवाई नहीं होती है। परोक्ष रूप से कोचिंग सेंटर चलाने वाले शिक्षकों को विभाग के अधिकारीयों सहित स्थानीय प्रशासन का मौन समर्थन दिखाई देता है।
गौरतलब है कि, शासकीय स्कूलों के शिक्षकों की ओर से छात्र-छात्राओं के बीच इस प्रकार का माहौल तैयार किया जाता है कि, यदि वे कोचिंग नहीं पढ़ेंगे तो फेल कर देंगे या उन्हें प्रैक्टिकल में कम नंबर मिलेंगे। समय-समय पर शिक्षकों पर यह आरोप भी लगते रहे हैं कि, वे सरकार से अच्छी तनख्वाह लेने के बाद भी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अच्छी शिक्षा ग्रहण करने मजबूरी में बच्चों को कोचिंग सेंटर्स की तरफ जाना पड़ रहा है।
यहां चल रही कोचिंग
जिलेभर में सरकारी स्कूल के इन शिक्षकों के द्वारा अपने घरों पर कोचिंग सेंटर खोल रखें है। ये शिक्षक घरों व अन्य स्थानों से कोचिंग सेंटर संचालित कर रहे हैं। सरकारी स्कूल के शिक्षकों के साथ निजी स्कूलों के शिक्षक भी कोचिंग पढ़ाने में व्यस्त हैं।
जिलेभर में ऐसे ही हाल
शासकीय शिक्षकों के स्कूलों में पढ़ाने से ज्यादा ध्यान कोचिंग सेंटरों की तरफ देने के हालात आलीराजपुर जिला मुख्यालय के साथ ही पुरे जिलेभर में हैं। जिला मुख्यालय मेंं ही कई सरकारी स्कूलों के शिक्षकों द्वारा निजी कोचिंग सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। इनके द्वारा घरों से ही व्यवसायिक गतिविधि का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा जोबट, भाभरा, उदयगढ़, सोंडवा, नानपुर, सहित सभी छोटे-बड़े कस्बों में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं।