हिन्दू संगठन के नेताओं और तहसीलदार के बीच हुई नोकझोक
माही की गूंज, रतलाम
एक दलित लड़की के धर्मांतरण वाले मामले में कलेक्टर को ज्ञापन देने कार्यकर्ताओ की भीड़ के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे हिन्दू संगठन के नेताओ की तहसीलदार से गेट पर ही तीखी नोकझोक हो गई। भीड़ सहित कलेक्ट्रेट परिसर में प्रवेश नही करने देने के विरोध में हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय के गेट पर ही जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। तहसीलदार की समझाइश पर ही माने ओर भीड़ के साथ ही ज्ञापन दिया। जबकि रतलाम में कोरोना काल के चलते धारा 144 लागू है ओर धरना प्रदर्शन व ज्ञापन पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके बावजूद भी इस तरह की घटना कलेक्टर कार्यालय में होने के बाद भी एसडीएम का यह कहना है कि, हिन्दू संगठन के 5 लोग ही ज्ञापन देने आए थे। यह उनकी किसी मजबूरी को ही प्रदर्शित करता है।
रतलाम में गत दिनों पुलिस ने एक दलित लड़की को लव जिहाद का शिकार बनाकर उसका धर्मपरिवर्तन कराने की कोशिश के मामले में एक युवक को गिरप्तार किया था। इस मामले में युवक द्वारा जिस नोटरी से लड़की का शपथ पत्र बनवाया गया था उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हिन्दू जागरण मंच द्वारा आज कलेक्टर को ज्ञापन देकर उस नोटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। उक्त ज्ञापन को देने के लिए हिन्दू जागरण मंच के लगभग सवा सौ से अधिक कार्यकर्ता, अध्यक्ष राजेश कटारिया के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे। जब हिन्दू कार्यकर्ताओ की भीड़ कलेक्ट्रेट में प्रवेश करने लगी तब गेट पर तहसीलदार गोपाल सोनी पहुचे। तहसीलदार ने धारा 144 लगी होने का हवाला देते हुए ज्ञापन देने के लिए केवल 5 लोगो को कलेक्टर कार्यालय परिसर में आने को कहा। इसी पर हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं और तहसीलदार के बीच तीखी नोकझोक हो गई। इस नोकझोक के चलते ही आक्रोशित हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय के गेट के बाहर ही जमीन पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक यह सिलसिला चलने के बाद तहसीलदार ने ही हैं हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं को समझाया। इसके पश्चात हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओ की भीड़ ने कलेक्टर कार्यालय में प्रवेश किया और तहसीलदार गोपाल सोनी ने ही ज्ञापन लिया।
हिन्दू जागरण मंच रतलाम के अध्यक्ष राजेश कटारिया ने बताया कि, आज हम धर्मान्तरन के मुद्दे को लेकर ज्ञापन देने के लिए गए थे। एसडीएम साहब को सूचना दी। वो बोले कि, अंदर केवल 5 लोग ही आकर ज्ञापन दे। हमने इसका विरोध किया कि, आप बाहर ही ज्ञापन ले तो वो चले गए। तो हम लोग गेट पर ही जमीन पर बैठ गए। फिर तहसीलदार आए, बात हुई, फिर अंदर जाकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन में धर्मान्तरन को संरक्षित करने वाले नोटरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
वही एसडीएम रतलाम अभिषेक गेहलोत ने बताया, सरकार ने स्पष्ट कहा है कि रूल ऑफ 6 का सभी को पालन करना है। आज भीड़ आई थी तो साफ कहा गया कि, 5 लोग आकर ज्ञापन दे, सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन नियम से। 5 लोगो के आने के बाद ही ज्ञापन लिया गया।