माही की गूंज, अलीराजपुर।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश पटेल ने अलीराजपुर जिले की 15 वी स्थापना दिवस की सभी जिलेवासियों को बधाईयां और शुभकामनायें दी है। साथ ही उन्होंने गौरव दिवस मना रही प्रदेश सरकार ओर जिला प्रशासन से 15 सवाल पूछे हैं। सवाल पूछते हुए श्री पटेल ने कहा है कि, पहले जिले में विकास ओर पर्याप्त सुविधाओं की इबारत लिखे, फिर सरकार और प्रशासन गौरव दिवस मनाये तो बहुत अच्छा होगा। श्री पटेल द्वारा पूछे गए सवाल निम्न है..
● अलीराजपुर जिले की स्थापना के बाद दुर दराज के इलाकों के ग्रामीणों की झाबुआ की दौड़ तो बंद हो गयी, लेकिन अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर उनसे सरकारी विभाग सामान्य काम के लिए भी कई चक्कर लगवाते हैं, इस हाल का जिम्मेदार कौन पहले यह बताया जाये.?
● अलीराजपुर जिले के बनने के बाद आज तक की जिले के अधिकांश विभाग प्रभारियों के भरोसे क्यों.? जैसे सहायक आयुक्त, आबकारी अधिकारी, जिला चिकित्सालय, बीईओ, स्कूल प्राचार्य, आरईएस आदि आखिर क्यो योग्य एवं पात्र अधिकारियों की तैनाती नहीं कर पाई सरकार.?
● अलीराजपुर जिले मे सैकडो स्कूल शिक्षक विहीन है 2011 की जनगणना में 37 प्रतिशत निरक्षरता के बावजूद शिक्षकों की भर्ती इस जिले में ना कर आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित क्यों रख रही है सरकार.?
● अलीराजपुर जिले में महाविद्यालय के नाम पर सोंडवा - आजाद नगर में महाविद्यालय भवन बनाए गये, लेकिन क्वालिफाई प्रोफेसर और अच्छी फैकल्टी देना ही भूल गई सरकार आखिर अलीराजपुर का युवा कैसे प्रतियोगिता परीक्षाओं में फाइट करेगा.?
● अलीराजपुर के जिला बनने के बावजूद कट्ठीवाड़ा में आज तक ना बड़ा प्रशासनिक भवन बनाना, आइटीआई ना पोलिटैकनिक ना महाविद्यालय बनाया गया, पूरा इलाका सरकारी उपेक्षा का शिकार क्यों.?
● अलीराजपुर जिला बनने के बाद यहां एसपी-कलेक्टर और डीएफओ बैठने लगे, फिर भी 15 सालों मे ना अपराध कम हुए, ना प्रशासनिक भ्रष्टाचार रूका, ना जंगल कटाई रुकी तो फिर जिम्मेदार कौन.?
● अलीराजपुर जिला बनने के बाद से जिले में पलायन तेज गति से बढ़ा है सरकार मनरेगा कागजों पर चला रही है। रोजगार देने में जब सरकार ओर प्रशासन विफल रहा तो अलीराजपुर की आधी आबादी पलायन को मजबूर हुई है इसका जिम्मेदार आखिर कौन.?
● विगत 15 सालों में अलीराजपुर अवैध शराब के गढ़ के रूप में तमगा पा गया है। धड़ल्ले से अलीराजपुर से गुजरात जाती शराब सुशासन के दावों पर तमाचा है, इस पर रोकथाम क्यो नही हो रही है.?
● विगत 15 सालों में बेटियों और महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराध तेजी से बढ़े हैं। महिलाओं की अस्मिता उनके विरुद्ध अपराध कर ओर उनके वीडियो वायरल कर तार-तार की जाती है ओर सरकार इसे रोकने में नाकाम रही है।
● अलीराजपुर जिले के 15 सालों में सरकारी सप्लाई काम पर जिला मुख्यालय की एक जाति विशेष का कब्जा है, ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों को सरकारी आदेश के बावजूद सप्लाई का काम नहीं मिलता यह आदिवासियों के साथ अन्याय है।
● अलीराजपुर जिले में विकासखंड स्तरों पर जिम्मेदार पदों पर भी प्रभारी या वित्तीय आहरण अधिकार से अपात्रों को बैठाया गया है, जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
● जिले की वन संपदा माफियाओं के पैरों में गिरवी पड़ी है, वन संपदा का उपयोग स्थानीय आदिवासियों के लिए रोजगार मूलक बनाने की बजाय वन विभाग के अफसर माफियाओं से गठबन्धन कर इसे नुकसान पहुंचा रहे हैं।
● जिले की स्थापना के 15 साल बाद भी जिले के अस्पतालों में रैफर कल्चर जारी है, फील्ड में ना विशेषज्ञ हैं ना क्वालिटी का इलाज ऐसे में जिले के गरीबों को कर्जा लेकर गुजरात इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ता है।
● जिला मुख्यालय का ट्रामा सेन्टर भी सिर्फ रैफर सेंटर बनकर रह गया है। जिलेवासियो को सही समय पर उपचार नहीं मिलता है, मरीज आए दिन परेशान होते है। आखिर इसकी जिम्मेदारी कौन तय करेगा.?
● जिले में बेख़ौफ़ धड़ल्ले से अवैध रेत गिट्टी आदि वन संपदा का परिवहन हो रहा है। इस पर अंकुश क्यो नही लग रहा है। श्री पटेल ने कहा की आज जिले की यह तस्वीर बेरंग है,तस्वीर खूबसूरत होने के बाद ही गौरव दिवस मनाया जाए तो बेहतर होगा।