अर्ध रात्रि को नगर निगम ने काट डाले 35 से 40 विशाल वृक्ष
प्रशासन बना गोल्ड पार्क डेवलपर की कठपुतली
कमिश्नर पर फौजदारी प्रकरण दर्ज हो, दिया आवेदन
माही की गूंज, रतलाम।
नगर निगम रतलाम के ठीक सामने 70 वर्षों से अधिक एक एकड़ में फैला हुआ महात्मा गांधी उद्यान को गोल्ड पार्क डेवलपर को बेच दिया गया। तथा उसके इशारों पर 35 से 40 विशाल वृक्षो को अर्ध रात्रि को काट दिया गया। प्रशासन गोल्ड पार्क डेवलपर की कठपुतली बना हुआ है। यह आरोप पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने लगाया।
सकलेचा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि, महात्मा गांधी उद्यान में 60 से अधिक विशाल हरे-भरे वृक्ष तथा 200 से अधिक पौधे लगे हुए हैं। उद्यान के चारों ओर बाउंड्री भी बनी हुई है। प्रशासन ने महात्मा गांधी उद्यान को गोल्ड पार्क डेवलपर समदड़िया ग्रुप को बेच दिया। जबकि उद्यान को किसी भी स्थिति में बेचा नहीं जा सकता है। यह गंभीर अपराधिक कार्य है। सकलेचा ने बताया कि, 19 तारीख को रात्रि 11 बजे नगर निगम के कर्मचारीयो ने महात्मा गांधी उद्यान में 35 से 40 विशाल वृक्षो को, 150 फीट ऊंचे, जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है, काट डाला। एसपी को फोन लगाने के बाद सीएसपी महोदय आए लेकिन हमारे अनुरोध के बाद भी वृक्ष काटने वाले नगरनिगम के कर्मचारियों को पुलिस थाने ले जाकर यह पूछताछ करने का प्रयास नहीं किया कि किसके कहने से विशाल वृक्ष काटे जा रहे थे। सीएसपी को यह बताने पर भी कि यह 70 वर्ष पुराना बगीचा है, इसे बेचा नहीं जा सकता है और इसमें लगे हुए पेड़ों को किसी भी स्थिति में काटने की अनुमति देने की अधिकारिता किसी भी अधिकारी के पास नहीं है। अगर नगर निगम ने कोई अनुमति दी है, तो वह उस स्थान की दी होगी जो बगीचे के पीछे की ओर स्थित है। इसके बाद भी प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। महात्मा गांधी उद्यान को बेचे जाने तथा उसमें विशाल वृक्ष को काटे जाने को लेकर पूर्व विधायक पारस सकलेचा तथा पर्यावरण कार्यकर्ता अदिति दवेसर ने पुलिस थाने में, नगर निगम कमिश्नर, सिटी इंजीनियर, उद्यान विभाग प्रभारी, गोल्ड पार्क के ठेकेदार तथा डेवलपर्स पर फौजदारी प्रकरण दर्ज करने हेतु आवेदन दिया तथा कहा कि अगर 7 दिन में प्रकरण दर्ज नहीं किया गया तो आन्दोलन किया जायगा, एवम न्यायालयीन कार्यवाही भी की जाएगी। इस अवसर पर राजीव रावत, पार्षद सलीम मोहम्मद बागबान आदि सैकड़ों नागरिक गण उपस्थित थे।