
मामला : एसबीआई बैंक का जो खोती जा रही अपनी विश्वसनियता
माही की गूंज, खवासा।
कहने को तो एसबीआई बैंक एक बड़ी शाखा है। लेकिन उक्त बैंक की खवासा शाखा की बात करें तो यह अनियमितताओं, मनमानी व हर काम के बदले रिश्वत लेने का एक अड्डा बन गई है। उक्त खवासा शाखा में पदस्थ रहे कई बैंक कर्मचारियों की अनियमितताओं, मनमानी व रिश्वत लेने के संबंध में माही की गूंज पूर्व में कई समाचार प्रकाशित कर चुका है। लेकिन एसबीआई शाखा के उच्च अधिकारियों की नींद नहीं खुली और हर अनियमिताओं को नजर अंदाज करते देखे जा रहे हैं। नतीजन उक्त एसबीआई की शाखा कई न कई अपनी विश्वसनीयता को खोती जा रही है।
इसी कड़ी में आज गुरुवार को पूर्व में छपे माही की गूंज के समाचारों की पुष्टि करते हुए इंदौर लोकायुक्त की टीम ने लोन की 10 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में असिस्टेंट मैनजर के द्वारा मांगे जाने पर बैंक चपरासी के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथों असिस्टेंट मैनेजर धराया।
कहते हैं छोटी सी लालच व्यक्ति को बुरी समस्या में फंसा देता है। कुछ ऐसी ही बात एसबीआई की शाखा खवासा में आज देखने को मिला। उक्त शाखा में ऋषभ शुक्ला पिता चंद्र भूषण शुक्ला (32) जो की असिस्टेंट मैनेजर के पद पर पदस्थ होकर फील्ड ऑफिसर था। उक्त रिश्वतखोर मैनेजर वर्तमान में इंद्रपुरी कॉलोनी थांदला का निवासी होकर मूल निवासी 618 एडब्ल्यू-2 दामोदर नगर, बर्रा कानपुर बायपास (उ.प्र) का है।
मामले में सामने आया कि, किराना व्यापारी पंकेश पिता गोबरिया सिंगाड़ (29) निवासी नरसिंगपाड़ा ने 4 लाख के लोन हेतु एमपी ऑनलाइन से 26 जून को आवेदन किया था। जिसकी सत्यापित प्रति लोन हेतु 27 जून को एसबीआई शाखा खवासा में जाकर
असिटेंट मैनेजर उर्फ फील्ड ऑफिसर ऋषभ शुक्ला को दी। तथा उसके बाद लोन स्वीकृति हेतु कई बार बैंक में गया जिसके बाद असिटेंट मैनेजर ऋषभ शुक्ला ने बैंक के चपरासी हीरालाल पिता हुकमीचंद्र लोहार निवासी भामल के माध्यम से लोन राशि 4 लाख की स्वीकृत हेतु 10 प्रतिशत राशि रिश्वत के नाम पर 40 हजार रूपये मांगे गए ।
उक्त रिश्वत में 500-1000 रुपए की लालच ऋषभ शुक्ला असिटेंट मैनेजर ने बैंक के चपरासी हीरालाल लोहार को देने का कहा था, यह बात अंदुरूनी सामने आ रही है।
500-1000 की उसी लालच में चपरासी हिरालाल लोहार रिश्वतखोर असिटेंट मैनेजर के चंगुल में फस गया और लोकायुक्त टीम ने बैंक में आज पंकेश द्वारा चपरासी हीरालाल लोहार के हाथ में दी गई 10 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथों रिश्वत लेते असिटेंट मैनेजर व चपरासी को धर-दबोचा।
बैंक ग्राहकों को कोई असुविधा ना हो जिसके चलते रिश्वत खोर ऋषभ शुक्ला व चपरासी को हिरासत में लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय खवासा लोकायुक्त टीम पहुंची और आगे की समस्त कार्रवाई लोकायुक्त टीम ने यहा की। तथा मीडिया को बाइट व प्रेस नोट के साथ पूरी घटना की जानकारी दी गई।
लोकायुक्त की ट्रैप टीम में कार्यवाहक निरीक्षक आशुतोष मिठास, प्रधान आरक्षक विवेक मिश्रा, आशिष शुक्ला, आरक्षक विजय कुमार, अनिल परमार, शैलेंद्र सिंह बघेल आदि थे।