नायब तहसीलदार सहित दो अन्य पर प्रकरण दर्ज, फोती नामांतरण के लिए की गई थी तीन लाख की रिश्वत मांग
माही की गूंज, धार।
तहसीलदार कार्यालयो में जिस कदर रिश्वत का खेल चल रहा है इसका बड़ा खुलासा लोकायुक्त इंदौर की कार्यवाही से हुआ है। बड़े अधिकारी दलालों के माध्यम से जमीनों के खेल कर रहे है ज्यादातर मामलों में बच निकलते है लेकिन इस बार नायाब साहब लोकायुक्त के लपेटे में आ गए। आशीष सोनी पिता कैलाश सोनी सर्राफ़ा व्यापारी अम्बिका रोड ग्राम अमझेरा ज़िला धार से जमीन के फोती नामांतरण के लिए रिश्वत की मांग की गई थी जिसकी शिकायत के बाद लोकायुक्त ने पूरी कार्यवाही को अंजाम दिया। शिकायतकर्ता अनुसार उसकी दादी की निधन के बाद फ़ौती नामान्तरण करवाना था जिसके लिए आशीष सोनी नायब तहसीलदार पंकज यादव से मिला तो उनके द्वारा 3, लाख रुपये रिश्वत की माँग की गई जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर कार्यालय में की थी। शिकायत का सत्यापन कराया गया जिसमें नायाब तहसीलदार द्वारा उक्त कार्य के लिए अपने एवजी वसीम के माध्यम से तीन लाख रुपये रिश्वत माँगा जाना पाया गया जिस पर ट्रैप दल का गठन किया गया किंतु आरोपी के शासकीय कार्य में व्यस्त हो जाने से वह रिश्वत लेने नहीं आ सका तब आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता को अपने एवजी वसीम के माध्यम से आवेदक को इंदौर में किसी निर्मल हार्डीया को राशि पहुँचाने का कहा शनिवार को 22 जुलाई को एवजी निर्मल हार्डीया (प्राइवेट व्यक्ति) को 50, हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों ट्रैप किया गया और तीनों आरोपियों पंकज यादव नायाब तहसीलदार अमझेरा जिला धार, वसीम पिता बाबू काज़ी प्राइवेट व्यक्ति अमझेरा जिला धार और निर्मल हार्डीया प्राइवेट व्यक्ति इंदौर के विरुद्ध धारा 7 भ्रनिअ एवम् 120-बी IPC का प्रकरण दर्ज किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की गई।