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बोहरा समाज के नन्हे बच्चो ने रखा एक दिन का रोजा
माही की गूंज, नानपुर
दाऊदी बोहरा समाज मे वर्ष मे एक दिन 27, रज्जब के दिन नन्है-मुन्है बच्चों को "मोतीये-सवालात" का रोजा कराया जाता है, साथ ही पुरे परिजन भी आज के बच्चों के साथ रोजा रखते हे। इस्लाम मे आज के दिन का बहुत महत्व बताया गया है, आज के रोजे का सवाब अज़ीम है।
नानपुर के पोते-पोती और नवासे-नवासीओ मे नफीसा व हसन हुजैफा नोबल, सैफुद्दीन अलीअसगर बड़दा, मोहम्मद ताहा दाऊदी, रुकय्या शब्बीरभाई लोखण्डवाला, अमतुल्ला मोहम्मद मारवाड़ी, इंशिया मोईज़ मर्चेंट, बुरहानुद्दीन शब्बीर लोखण्डवाला, सकीना मोहम्मद मारवाड़ी, इदरिश व बुरहानुद्दीन हुजैफा जाना, ज़मीला व बुरहानुद्दीन अब्दुल लकी, सैफुद्दीन हुसैन इज्जी, मुफद्दल हुसैन मर्चेंट (टोरांटो), ज़ेनब मोहम्मद देवास, बुरहानुद्दीन मुरतज़ा मर्चेंट, बतुल इब्राहीम राज, ताहेर यूसुफ बोहरी, हुसैन मुरतज़ा मर्चेंट, बतुल व बुरहानुद्दीन हमजा मर्चेंट, सैफुद्दीन मुरतज़ा मर्चेंट, मोहम्मद अजीज आम्बावाला, अमतुल्ला अलीअसगर मालक (बड़वानी), इन्शीया व अब्दुल तैयब कुतुबुद्दीन सैफी (बैंगलोर) इत्यादि बच्चों के आज रोजा रखने पर समाज के सदर ए मोहतरम शैख अकबरभाई, मुल्ला कैज़ार दाऊदी, मु. ताहेरअली सैफ, मु. खुजैमा राज, इकबाल राज, मोहम्मदी मर्चेंट, शब्बीर खयडीवाला, फखरीभाई, हुजैफा मर्चेंट, शाकीरभाई जाना, शब्बीरभाई नोबल, हुसैनीभाई, सज्जादभाई, शफ़क़त दाऊदी, खुजैमाभाई मर्चेंट ने बच्चों ओर उनके परिजनों को मुबारकबाद देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है। साथ ही सभी बच्चों को उपहार प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान किए।