Saturday, 15 ,February 2025
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

करवड़ बस स्टैंड पर स्कूल बच्चों का हुआ एक्सीडेंट | मानवता शर्मसार: खेत में मिला बिना नाल कटा रोता हुआ नवजात शिशु ... | 8लेन पर एक नींद की झपकी बनी मौत का कारण! | नगर की वोटर लिस्ट में कैसे आया फर्जी मतदाता...? | महिला की मिली लाश: हत्या या आत्महत्या पुलिस जांच में जुटी | सोमाजी प्रजापत जाजपर का निधन | श्रीराम जन्मभूमि पर श्री विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की मनाई पहली वर्षगांठ | सम्पूर्ण बाईबल पाठ का आयोजन सम्पन्न | भगवान श्रीराम की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की मनाई वर्षगांठ | दूसरी बार दुकानों की नीलामी निरस्तः आखिर ग्राम पंचायत करें तो क्या करें...? | बदलेगा राज... या कायम रहेगा रिवाज... फैसला 8 फरवरी को | क्या हम बांग्लादेश से ऊपर उठकर एक ही धर्म के व्यक्तियों को जातिवाद के आधार पर अल्पसंख्यक बनाना चाहते हैं...? | सुरेशचंद्र पुरणमल जैन, जिनेन्द्र बाफना सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी बड़े, जिला परिवहन अधिकारी और रेलवे सब इनके सामने नतमस्तक | अजब एमपी के गजब मंत्री... लाचार मंत्री... | कुछ... यादें... बहुत सी उम्मीदो.. के साथ नूतन वर्षाभिन्दन | ग्राम पंचायत खवासा में 4 दुकानों की नीलामी 8 जनवरी को, विज्ञप्ति एवं नियम शर्ते पढ़े | एसडीएम के विरूद्ध एक के बाद एक कई विभाग हुए नाराज, लिखित में दर्ज करवाई शिकायत | हिंदूसिंह चौहान का निधन | सुने घर को चोरों ने बनाया निशाना, नगदी-रकम सहित जरूरी सामान ले गए | करवड़ प्रीमियर लिग का हुआ शुभारंभ |

अतिथि शिक्षक है, लेकिन रोज बच्चों को पहाड़ से लेकर पहुंचती है अपने स्कूल
18, Dec 2021 3 years ago

image

माही की गूंज, बड़वानी।
        आज के समय में शासकीय शिक्षको को लेकर समाज में बड़ी नकारात्मक खबर चलती है। ऐसा नहीं कि सभी शिक्षक ऐसे हो, पर गेहूॅ के साथ धुन तो पिसता ही है। ऐसे में यदि कोई पहाड़ों के बीच से उतर कर विद्यार्थियों के साथ पैदल चलकर 3 किलोमीटर दूर अपने स्कूल पहुंचे और पढ़ाई करवाए, कक्षा हर समय भरी हो, तो उसे आप क्या कहेंगे। यदि यह महिला शिक्षिका हो उस पर अतिथि शिक्षिका हो, तो फिर आपका अतिथि शिक्षको के प्रति नकारात्मक सोच अवश्य बदल जाएगी। 
    यदि आप सेमलेट जा रहे है और साढ़े  10 बजे के लगभग आपकी गाड़ी गोलगाॅव क्रास कर रही है तो मार्ग पर एक अतिथि शिक्षिका 6-7 बच्चों के पीछे-पीछे चलते हुए दिख जाएगी। यह है श्रीमती सीमा सस्ते जो पहाड़ के उपर रहती है और अपने फल्या के 6-7 बच्चों को लेकर 10 बजे पहाड़ से उतरना प्रारंभ कर, लगभग 3 किलोमीटर सड़क पर चलते हुए अपने स्कूल प्राथमिक विद्यालय पहुंचती है। और शाम को पुनः इसी प्रकार बच्चों को लेकर पहाड़ चढ़ती है। 
    शिक्षिका की इस नियमितता और कर्तव्य परायणता के कारण उनकी कक्षा में हमेशा विद्यार्थियो की संख्या शत-प्रतिशत के लगभग होती है। कक्षा की हालत उतनी अच्छी तो नही (शहरों के समान साधन सम्पन्न) किन्तु विद्यार्थियों की हालत (साफ-सफाई और शैक्षणिक योग्यता) शहरों के स्कूलों से बेहतर नहीं तो कम भी नही है।
     श्रीमती सीमा सस्ते की इस कर्तव्य निष्ठा से अभिभूत कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने 26 जनवरी के राष्ट्रीय पर्व पर इस शिक्षिका को मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित कराने की घोषणा अभी से कर दी है।


माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |