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अधिकारीयो ने कहा जब तक पूरी तरीके से बंगाली डॉक्टर पकड़ में नहीं आ जाते बंद नही होगी कार्रवाई
माही की गूंज, जोबट।
नगर में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। नगर के अलग-अलग कोनों में चला रहे यह अपनी दुकानें जहा पर झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का कर रहे इलाज मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। झोलाछाप ऐसे मे मरीज का इलाज ग्लूकोज की बोतलें लगाने से शुरू करते हैं। एक बोतल चढ़ाने के लिए इनकी फीस 500 से एक हजार रुपए तक होती है ओर फिर ये 3 दिन के डोज के नाम से हजारों रुपए की मोटी रकम मरीजों से वसूल लेते हैं।
उक्त समस्या को लेकर माही की गूंज वेब न्यूज़ पोर्टल पर 18 दिसम्बर को "झोलाछाप डॉक्टरों का अड्डा बना नगर", "झोलाछाप के हौंसले बुलंद मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़", "अधिकारी भी सोए चेन की नींद, आदिवासियों के लिए यमराज बने झोलाछाप डॉक्टर" शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए टीम बनाकर नगर के विभिन्न झोलाछाप डॉक्टरों व क्लीनिकों पर छापामार कार्रवाई की है। उक्त टीम में बीएमओ जोबट डॉ. विजय सिंह बघेल, नायब तहसीलदार जोबट श्रीमती प्रियंका बघेल, टीआई जोबट विजय देवड़ा, सीबीएमओ जोबट दयाराम डावेल, फार्मासिस्ट रामसिंह डावर मौजूद रहे। अधिकारीयो का कहना है कि, जब तक पूरी तरीके से बंगाली डॉक्टर पकड़ में नहीं आ जाते है तक तक कार्रवाई बंद नही होगी। वही जो डॉक्टर अवैध रूप से ईलाज करते पाए गए उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है।