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पुलिस को चकमा देकर मुख्यमंत्री की सभा स्थल पर पहुंचे सौ से अधिक बेरोजगार युवा
माही की गूंज, अलीराजपुर/जोबट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिले के दौरे पर थे। उनका यह दौरा जोबट विधानसभा उपचुनाव से पहले अहम माना जा रहा था। जिस पर उन्होंने जिले के लिए करोड़ों रुपए की घोषणाएं कर मुहर लगाई। मुख्यमंत्री के इस दौरे को लेकर सोशल मीडिया पर बेरोजगार युवाओं में भारी आक्रोश देखा जा रहा था। यह आक्रोश भोपाल में पिछले दिनों बेराजगारों पर हुई लाठीचार्ज को लेकर एवं सरकारी नौकरियों में भर्ती की मांग को लेकर था। इस विरोध को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क था। ताकि कोई विरोध प्रदर्शन देखने को न मिल पाए। लेकिन पुलिस की सतर्कता के बावजूद भी पुलिस को चकमा देकर सौ से अधिक बेरोजगार युवा मंडी प्रांगण जोबट सभा स्थल पर पहुंच गए थे। और पुलिस के आला अधिकारीयों और बेरोजगार युवाओं के बीच करीब आधे घंटे तक तीखी बहस देखी गई। उधर जोबट विधानसभा उपचुनाव में कोंग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे पूर्व विधायक स्व.कलावती भूरिया के भतीजे दीपक भूरिया गिरफ्तार किया। दीपक भूरिया मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने की कोशिश कर रहे थे।
दो–सदस्यीय युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कर दिलवाया गया ज्ञापन
सभा स्थल पर पहुंचे बेरोजगार युवा मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन देने की जिद कर रहे थे। इसको लेकर पुलिस के आला अधिकारियों से युवाओं की करीब आधे घंटे तीखी नोक झोंक हुईं। कुछ युवाओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया और सभा स्थल से बाहर ले जाती नजर आई। पुलिस अधिकारियों के द्वारा युवाओं को समझाईस के बाद युवा मान गए। और दो–सदस्यीय युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिलवाया गया।
युवाओं के द्वारा ज्ञापन में मांग की गई है कि, सरकारी विभागों में लाखों पद रिक्त पड़े हैं। इसके बावजूद भी पिछले करीब 4 वर्षो से कोई भी बड़ी भर्ती नहीं हुई है। उन्हें यथाशीघ्र भरने एवं भोपाल में युवाओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों कार्रवाई करने की मांग की गई है।
सभा स्थल पर पहुंचे युवाओं ने अपना आक्रोश व्यक्त किया
वहां पहुंचे युवाओं ने कहा कि, सरकारी विभागों में लाखों पद खाली होने के बावजूद भी पिछले करीब चार वर्षों से कोई भी बड़ी सरकारी भर्ती नहीं निकली है। इस मांग को लेकर हमारे साथी माननीय मुख्यमंत्री जी से शांतिप्रिय ज्ञापन देना चाहते थे परंतु हमारे साथियों के पीछे पुलिस लगा दी गई। हम जैसे-तैसे सभा स्थल पर पहुंचे और शांतिप्रिय ज्ञापन देने की कोशिश कर रहे थे परंतु पुलिस एवं उसके अधिकारियों ने हमें घेर लिया। हमारे कुछ साथी को हिरासत में ले लिया गया और मुख्यमंत्री जी से नहीं मिलने दिया गया। हम बेरोजगार लोकतांत्रिक व्यवस्था में जिम्मेदार के सामने समक्ष अपनी मांग भी नहीं रख सकते।