लाखो के गुम मंहगे मोबाइल पुलिस से साइबर सेल की मदद से किए बरामद
माही की गूंज, रतलाम।
जिले की सायबर पुलिस द्वारा चलाए गए एक विशेष अभियान में 8 लाख रु. मूल्य के पचास मोबाइल बरामद किए गए। इन मोबाइल फोन्स को पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी द्वारा उनके धारको को लौटाया गया। जिन लोगों के गुम मोबाइल उन्हे वापस मिल गए वे लोग काफी खुश नजर आ रहे थे। मोबाइल मालिकों को उनके गम मोबाइल लौटाने के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागृह में एक सादा समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान सायबर सेल के अधिकारियों और स्वयं पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने लोगों को सायबर क्राईम से बचने के उपायों की जानकारी दी। उन्होने कहा कि, थोडी सी सतर्कता और सावधानी लोगं को बडे सायबर क्राइम से बचा सकती है। इस मौके पर सायबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अधीक्षक ने गुम मोबाइल को खोजने के लिए एक विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में सायबर सेल ने गुम हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करना शुरु किया। गुम हुए मोबाइलों का उपयोग प्रदेश के विभिन्न शहरों इन्दौर ,धार, मन्दसौर, नीमच, उज्जैन, शिवपुरी, झाबुआ इत्यादि शहरों में उपयोग में लाए जाने की जानकारी सायबर सेल को मिली थी। ट्रैकिंग से मिली जानकारी के आधार पर जब सायबर सेल ने इन गुम मोबाइल के उपयोगकर्ताओं से जब पूछताछ की तो इनमें से अधिकांश का कहना था कि ये मोबाइल उन्हे सडक या किसी सार्वजनिक स्थान से मिले है और अज्ञानतावश वे इनका उपयोग कर रहे थे। सभी ने पुलिस जांच में पूरा सहयोग करते हुए मोबाइल लौटा दिए। इन सभा व्यक्तियों को भविष्य में मोबाइल या अन्य लावारिस वस्तु मिलने पर उसे निकटतम थाने में जमा करने की समझाईश भी दी गई। बरामद किए गए मोबाइल फोन सैमसंग,वीवो,ओप्पो रेडमी इत्यादि कंपनियों के महंगे एन्ड्राईड मोबाइल है।
मोबाइल खोज के इस अभियान में सायबर सेल के उपनिरीक्षक श्रवणसिंह भाटी, प्रआर लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, हिम्मत सिंह, आर विपुल भावसार,मयंक व्यास, तुषार सिसौदिया, राहूल पाटीदार इत्यादि ने सराहनीय कार्य किया। इनके सराहनीय कार्य पर पुलिस अधीक्षक द्वारा इन्हे नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया है। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी ने जनसामान्य से अपील की है कि, यदि उनका मोबाइल या कोई अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट गुम हो जाता है तो उन्हे इसकी सूचना तुरंत निकटतम थाने, पुलिस अधीक्षक कार्यालय या सायबर सेल को देना चाहिए। सायबर सेल को जितनी जल्दी ऐसी सूचना मिलती है, मोबाइल या उपकरण का पता लगाना उतना ही आसान होता है।