माही की गूंज, रतलाम।
जिला जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले झारखंड के साहिबगंज जिले की रहने वाली रुबिका पहाड़िया जो कि एक जनजाति समुदाय की बेटी थी, जिसको दिलदार अंसारी नामक एक मुस्लिम लड़के द्वारा बहला फुसला कर उसे अपने प्रेम जाल में फंसाया, उसके बाद उससे विवाह भी किया। विवाह करने के एक से डेढ़ माह के उपरांत उसने व उसके परिवार के लोगों ने मिलकर रुबिका के 50 से भी अधिक उसके शरीर के टुकड़े करके जंगल में फेंक दिए। शव के टुकड़ों को जब गाँव के कुत्तों द्वारा खाया जाने लगा तब या घटना प्रकाश में आई। आरोपी द्वारा किए गए कृत्य की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। न सिर्फ रतलाम जिले में बल्कि यह जनाक्रोश संपूर्ण भारत की जनजाति समाज की ओर से किया जा रहा है। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच यह मांग करता है कि, धर्मांतरण एवं लव जिहाद के विरुद्ध केंद्र सरकार के द्वारा भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत से भी अधिक कठोर कानून बनाए जाए एवं इसके जघन्य हत्या कांड के आरोपी दिलदार अंसारी को फांसी हो व अन्य सभी आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दिलाई जाए। इस हेतु मध्य-भारत प्रांत जनजाति सुरक्षा मंच जिला रतलाम के द्वारा कैंडल मार्च किया गया व समाज की बेटी रूबीका पहाड़िया को विनम्र श्रद्धांजलि दी गई।
श्रद्धांजलि सभा में मध्य-भारत प्रांत जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत-संयोजक पुर्व सैनिक कैलाश निनामा, प्रांत निधि प्रमुख व जिला प्रभारी रूपचंद मईडा, जिला संयोजक कैलाश वसुनिया, सह-संयोजक कैलाश देवड़ा, वनवासी कल्याण परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ. उदय यार्दे, जिला संगठन मंत्री पीरुलाल रावत, प्रांतीय टोली सदस्य नारायण मईडा, जिला निधि प्रमुख राजेंद्र चौहान, दिनेश निनामा, ओंकार निनामा, शिवजी मुनिया, जिला सचिव कैलाश निनामा, शैतान हाडा, हॉस्टल अधीक्षक का श्रीमती सुगना मईडा नंदू और सैकड़ों जनजाति समाज के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।