करोड़ो रूपए खर्च होने के बाद ऑक्सीजन की कमी से क्यो मरा मरीज...?
माही की गूंज, रतलाम/सैलाना।
कोरोना की दूसरी लहर में लोगो को घर पर, अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से मरते हर किसी ने देखा है। सैकड़ो लोग तो सड़क और अस्पताल की चौखट पर ऑक्सीजन की कमी के चलते मर गए। जिसको देखते हुए सरकार ने ऑक्सीजन की व्यवस्था पर करोड़ों खर्च किए। हर छोटे-बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई और दावा किया गया कि, सरकारे अब किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और ऑक्सीजन की कमी कही नही होने दी जाएगी। लेकिन तीसरी लहर से निपटने के दावे भरने वाला प्रशासन एक मरीज को सिर्फ इसलिए नही बचा सका क्योकि स्वास्थ्य विभाग के पास ऑक्सीजन तो थी लेकिन मशीन को चलाने के लिए बिजली समय पर नही थी। जिसके चलते एक व्यक्ति ने परिवार के सामने ऑक्सीजन कि कमी से दम तोड़ दिया।
मामला रतलाम जिले के सैलाना नगर का है, जहां शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ग्रामीण इलाके के मरीज को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीज ने स्वास्थ्य केंद्र पर ही अपना दम तोड़ दिया। मृतक युवक समरथ लाल लिंबोदा ग्राम बोदीना का निवासी है। वह अपने खेत पर काम से गया हुए थे। वहीं अचानक खेत पर युवक को चक्कर आने व उल्टी होने की वजह से परिजन उसे खेत से इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आए। जहां डॉक्टर ने मरीज का उपचार शुरू कर दिया। मरीज को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिससे मरीज के मुंह पर ऑक्सीजन लगाया गया लेकिन मरीज को ऑक्सीजन लगाते ही वहा पर बिजली गुल हो गई। जिससे ऑक्सीजन मशीन बंद हो गई और मौके पर ही मरीज की मौत हो गई। मरीज को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिलने से शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीज ने अपना दम तोड़ दिया। युवक की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वही स्थानीय स्वास्थ्य अमले का कहना है कि, ये जांच का विषय है ड्यूटी पर तैनात और स्टॉफ से जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।