पंचायत कर्मियों की मौखिक सूचना के बावजूद नहीं लगा रहे नालों में टोटियां
माही की गूंज, आम्बुआ।
जिस क्षेत्र में स्वच्छता की सबसे अधिक जरूरत हो और यदि उस क्षेत्र में गंदगी का साम्राज्य हो तो उसे क्या कहा जाए...! गंदगी कीचड़ भी प्राकृतिक नहीं अपितु रहवासियों की हठधर्मिता के कारण फैल रही। लोग हैं कि समझने को तैयार नहीं है।
हम बात कर रहे हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आम्बुआ क्षेत्र की, जिसके सामने विभिन्न प्रकार की गंदगी के साथ ही सामने प्रमुख सड़क मार्ग पर बरसात से भी अधिक कीचड़ ही कीचड़ बारह माह दिखाई देता है। जहां से गुजरना मुश्किल होता है। कभी किसी के कपड़े खराब हो जाते हैं तो कभी दो पहिया वाहन तथा पैदल चलने वाले फिसल कर गिर रहे हैं। क्षेत्र के दुकानदार विशेषकर सड़क किनारे बैठकर सब्जी बेचने वाले ग्रामीण अधिक परेशान होते देखे जा सकते हैं। सड़क पर पसरा कीचड़ गंदगी प्राकृतिक आपदा से नहीं है अपितु इस क्षेत्र में घरों से बाहर लगे निजी नल कनेक्शन से हो रहा है। जिसमें टोटिया नहीं है तथा नल घरों के अंदर की बजाए बाहर लगा रखे हैं। जैसे जल प्रदाय किया जाता है इन नलों से बहने वाला पानी सड़क पर बह निकलता है। प्रमुख मार्ग होने से दो पहिया, चार पहिया वाहन दिन भर गुजरते हैं। पानी व मिट्टी के कारण यहां कीचड़ हो जाता है। यही कीचड़ राह चलने वालों के कपड़े खराब करता है तो वाहनों के टायरों से उड़कर सब्जी बेचने वालों की सब्जी पर भी गिरकर सब्जी प्रदूषित करता है। इसी कीचड़ के कारण क्षेत्र की सड़क उखड़ कर गड्ढे हो गए हैं।
पंचायत कर्मियों ने यहां के निवासियों को कितनी ही बार मौखिक रूप से सूचना दी कि, वे नलों में टोटिया लगाए तथा नल घरों के अंदर ले जाए मगर क्या मजाल यहां के निवासी कुछ सुनते। जबकि इस कीचड़ तथा गंदे पानी से यह लोग स्वयं भी परेशान होते रहते हैं। वाहन चालकों तथा अन्य नागरिकों की मांग है कि, पंचायत द्वारा इन नल उपभोक्ताओं पर उचित दण्डात्मक कार्रवाई करें।
व्यापारी रवि खंडेलवाल ने बताया कि, हम लोग परेशान हो रहे हैं यहां कीचड़ ही कीचड़ होने से आने जाने वाले परेशान होते हैं।
क्षेत्रीय निवासी हासिम अली बोहरा का कहना है कि, क्षेत्र में वर्षा के अलावा सड़क पर पानी बहता रहकर कीचड़ करता है जिससे परेशानी हो रही है।
आम्बुआ निवासी शब्बीर भाई का कहना है कि, सड़क का कीचड़ उड़ कर दुकान के अंदर तक आ जाता है। यह बंद होना चाहिए।