माही की गूंज, जोबट।
मजदूर चेतना संगठन के शंकरसिंह तड़वाल के आह्वान पर संघर्ष कोचिंग पर जनता के मुद्दे को जनप्रतिनिधियों ओर राजनीतिक पार्टियों के समक्ष प्राथमिकता से उठाने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए तथा प्रमुखता से उठाने के उद्देश्य से नेटवर्किंग संगठनों की एक दिवसीय बैठक आयोजित की गई। बेठक में भाबरा, जोबट, सोंडवा, अलीराजपूर, पेटलावद, थांदला, मेघनगर, झाबुआ, बाग, कुक्षी, सरदापुर, धार, लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता पहुंचे। बेठक को सम्बोधित करते हुए जल, जंगल, जमीन बचाओ अभियान भोपाल से आए समाधान पाटिल द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य को स्प्ष्ट करते हुए बताया कि, यह बेठक एक प्राम्भिक है। हमे हर वर्ग समुदाय एवं हर तबके के वंचित, गरीब,मजदूर, किसानों तथा महिलाओं और बच्चों के हित मे जनघोषण पत्र का निर्माण करना और राजनीतिक पार्टियों के पटल में लाते हुए प्राथमिकता के आधार पर उनके घोषणा पत्र में शामिल कराने हेतु एक प्रयास है।
लोकतांत्रिक अधिकार मंच मध्यप्रदेश के संयोजन विजय कुमार ने कहा कि, संवैधानिक मूल्यों के आधार पर सभी को वोट देने का अधिकार है। यह क्षेत्र 5वी, 6वी अनुसूची के अंतर्गत आता है। इस लिए हमे पैसा एक्ट के तहत ग्राम सभा को ताकतवार बनाने का काम करना होगा और संगठीत रूप से अपने अधिकार के प्रति जागरूक होकर भारत के चुनावों में जनता के मुद्दे को मुख्य पटल पर लाना आवश्यक है।
इसी क्रम में खेडुत मजदुर चेतना संगठन के शंकर तड़वाल ने बताया कि, जनता जल जंगल जमीन की बेहिसाब लूट, विस्थापन बढ़ती, महगाई, रोजगार की कमी से भूख और गरीबी बढ़ते जा रही है।
इसी प्रकार जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रिंकुबाला डावर, दिशांत गाडरिया, अर्जुन सिंगाड़, एकता परिषद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रद्धा काश्यप, जुलामसिंह, जाय महिला मंच की अनुभा सोनी, दलसिंह वसुनिया, विजय कनेश, वलचन्द खपेडिया, प्रताप मेडा, कालूसिंह, माधुसिंह, सूवारसिंह, कलमसिंह, मेहरसिंह, धर्मसिंह, अर्जुन जमरा, सुनील चोहान, भारत चोहान, द्वारा अलग-अलग क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय मुद्दों पर अपना सुझाव प्रस्तुत किए। उक्त मुद्दों को सरकार और राजनीतक दलों के बिच रखेंगे। इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए 11 सदस्यीय समन्यव समिति का गठन किया गया है। बेठक के समापन के पश्चात जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रिंकुबाला डावर अपने कार्यकर्ताओं के साथ जोबट एसडीएम कार्यालय पहुंचे, जंहा पर छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल को खनिज निकालने के नाम पर उद्यगपतियो को देने और जंगल को काटने के विरोध में आदिवासी समाजिक सगठन जयस ने ज्ञापन सौपा। इस दौरान दलसिंह वसुनिया, पप्पू वसुनिया, रमेश मेहड़ा, पंकज भयडिया, सचिन मेहड़ा आदि उपस्थित रहें।