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बेरोजगारों के द्वारा रोजगार की मांग पर एफआईआर हुई थी दर्ज
विरोध में अलीराजपुर थाने पर दिया ज्ञापन
माही की गूंज, अलीराजपुर
बड़वानी एसडीएम एवं थाना प्रभारी को सामाजिक कार्यकर्ता सुमेरसिंह बड़ोले एवं अन्य द्वारा बेरोजगारो के लिए रोजगार की मांग को लेकर दिए गए ज्ञापन के खिलाफ बड़वानी पुलिस द्वारा गैर कानूनी कार्रवाई कर बेरोजगार युवाओं पर एफआईआर दर्ज की गई। जिसके विरोध में एफआईआर निरस्त करने हेतु स्थानीय पुलिस थाना अलीराजपुर में बेरोजगार युवाओं के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन मे बताया कि, 23 जून को प्रदेश भर के बेरोजगार युवाओं द्वारा बेरोजगारी से त्रस्त होकर बेरोजगारी के खिलाफ, प्रदेश सरकार से रोजगार की मांग करते हुए प्रदेश स्तर पर ज्ञापन दिए गए व ट्विटर पर रोजगार के मुद्दे पर ट्रेंड चलाया गया था।
युवा अरविंद कनेश ने बताया, बड़वानी में भी सामाजिक कार्यकर्ता सुमेरसिंह बड़ोले व अन्य बेरोजगार साथीयों द्वारा ज्ञापन कार्यक्रम की पूर्व सूचना अनुसार एसडीएम बड़वानी एवं पुलिस थाना प्रभारी को वाहन सुविधा उपलब्ध न होने के कारण पैदल चलकर बेरोजगारी के खिलाफ रोजगार की मांग करते हुए ज्ञापन दिया गया। किन्त बड़वानी पुलिस प्रशासन द्वारा कोरोना के नियमो का हवाला देकर, किसी के साथ पक्षपात न करने की अपनी संवैधानिक शपथ को भूलकर बेरोजगारों के प्रति संवेदनहीन होते हुए गैर कानूनी तरीके से सुमेरसिंह बड़ोले व अन्य साथीयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस के मुताबिक बेरोजगारों का सरकार से रोजगार की मांग करना गुनाह हो गया? जो कि बेरोजगारो का हक एवं संवैधानिक अधिकार है, झूठी एफआईआर को तत्काल निरस्त करने की मांग युवाओं द्वारा की गई है।
बेरोजगार युवा सालम सोलंकी ने बताया, सरकार और उनके गुलाम अंधभक्त को बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवाओं की आवाज हजम नही हो रही है। उनकी आवाज और मांगो को पुलिस की तानाशाही के माध्यम से प्रशासन पर दबाव बनाकर दबाना चाहती है। जबकि तथाकथित बड़ी राजनीतिक पार्टियों द्वारा भी सम्पूर्ण लॉकडाउन के दौरान बड़ी सभाएं, रैली एवं धरना कार्यक्रम आयोजित किये गए, वर्तमान में भी नेताओ द्वारा गाईडलाइन के पालन किए बिना हजारों की भीड़ जुटाई जा रही है। लैकिन पुलिस उनके खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई नही करती हैं। जबकि गरीब, बेरोजगार, बेबस युवाओं के खिलाफ दमनकारी रवैया अपना रही है, इससे बड़वानी पुलिस प्रशासन का असली चेहरा उजागार हो रहा है।
शासन-प्रशासन द्वारा अपनी नाकामियों छुपाने के लिए किए इस पक्षपात पूर्ण कृत्य के कारण प्रदेश भर के बेरोजगार युवाओ में आक्रोश व्याप्त है, अलीराजपुर जिले का आदिवासी समाज भी आक्रोशित है। प्रदेश भर में बड़वानी पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता सुमेरसिंह बड़ोले व अन्य बेरोजगार साथियों के खिलाफ की गई झूठी, निराधार, अमानवीय, पक्षपातपूर्ण एफआईआर तत्काल निरस्त की जाए अन्यथा प्रदेश भर में बेरोजगारों द्वारा उग्र आंदोलन किया जावेगा, जिसका आदिवासी छात्र संगठन, जयस व आदिवासी समाज अलीराजपुर सम्पूर्ण समर्थन करेगा व इससे किसी भी तरह की अव्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है तो प्रदेश सरकार की पूरी तरह से जिम्मेदारी होगी। इस अवसर पर सालम सोलंकी, राजेंद्र सोलंकी, देवेंद्र रावत, सरदार, रितेश, भुरू, आशु, अरविंद कनेश आदि उपस्थित रहे।