24 घण्टे के भीतर पति-पत्नी का हुआ कोरोना से निधन
माही की गूंज, जोबट
नगर में बढ़ते कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों की दिन प्रतिदिन बढ़ती संख्या को देखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन नगर में कोविड सेंटर खोलने की मांग कर रहे है, ताकि नगरवासियों को नगर में ही उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। लेकिन आमजन की मांग को लेकर पक्ष-विपक्ष और प्रशासन जागरूक नहीं दिख रहा है। वर्तमान स्थति में कोरोना संक्रमित मरीजों को जिला मुख्यालय पर भेजा जाता है, जिनको लाने ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त साधन भी उपलब्ध नहीं है, जिस कारण पीड़ितों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है।
उक्त मुद्दा माही की गूंज वेब पोर्टल पर 16 अप्रेल को समाचार के माद्यम से प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। लेकिन प्रशासन है कि, उनके कानों में जूं तक नही रेंगी। जिसके परिणाम अब नगर की जनता के सामने आ रहे है। जोबट नगर के ही कोरोना से संक्रमित पति-पत्नी को जोबट में स्वास्थ्य सुविधा सुचारू व कोविड से निपटने लायक नही होने के कारण बड़वानी के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जहाँ उन्हें रेमडेसीवीर इंजेक्शन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, वही दोनों दंपति में से पुरुष ने बड़वानी हॉस्पिटल में ही सोमवार को दम तोड़ दिया। जिसके बाद महिला को मंगलवार को अलीराजपुर के जिला अस्पताल में लाया गया। लेकिन जिले की स्वास्थ्य सुविधा की कथनी व करनी में जमीन आसमान का फर्क दिखा, ओर जिला अस्पताल के डॉक्टर ने महिला को बड़ोदा (गुज.) रेफर करने की बात कही। इसी आपाधापी में महिला जिला अस्पताल से बड़ोदा ले जाते समय बीच रास्ते मे महिला ने दम तोड़ दिया।
नगर में 24 घण्टे के भीतर कोविड से हुई मोते नगर प्रशासन की स्वास्थ्य सुविधाओं पर पानी फेरती नजर आ रही है। अगर नगर में ही कोविड-19 सेंटर होता तो उक्त दम्पति को समय पर उपचार मिल जाता और आज वो जिंदा होते, उन्हें इलाज के लिए बड़वानी या जिला अस्पताल के लिए भटकना नही पड़ता। कोरोना की जंग को जीतने के लिए मरीज को अपने अंदर के डर को भगाना जरूरी है लेकिन जब उस कोविड व्यक्ति को जोबट से बाहर भेजा जाता है तो उसका डर बढ़ जाता है। क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि को चाहिए कि, कोविड सेंटर बनाने के लिए शासन से वार्ता करे।