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जिला मुख्यालय जैसी कार्रवाई की जरूरत
पुलिस तथा कानून का नहीं इनमें कोई खौफ
माही की गूंज, आम्बुआ।
आम्बुआ ही नहीं अपितु आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों वैध-अवैध मोटरसाइकिलों की भरमार हो रही है। इन्हें चलाने वाले चालक अधिकांश नाबालिग, बगैर लाइसेंसी होकर कई नशे में भी देखे जा सकते हैं। यमदूत का वाहन बनी इन मोटरसाइकिलों को चलाने वालों में पुलिस व कानून का कोई भय दिखाई नहीं देता, वे मनमानी पर उतारू होकर स्वयं की तथा सड़क पर चलने वालों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
इन दिनों सड़क पर वह शहरी क्षेत्र हो या कस्बा क्षेत्र अथवा ग्रामीण क्षेत्र जिधर नजर डालो उधर मोटरसाइकिलों की अंधाधुन दौड़ होती नजर आएगी। कई अवयस्क तथा युवा बाइक के साइलेंसर निकालकर तथा अधिक "रेस" देकर भयंकर आवाज करते हुए कर्कश हॉर्न की आवाज के साथ धुआं उड़ाते बाजारो (भीड़भाड़ वाले स्थानों) में सरपट हवा से बातें करते हुए निकलते हैं, तो सड़क पर चलने वाले बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं आदि की जान हलक में आ जाती है।
आम्बुआ पुलिस थाने पर जब भी सुरक्षा समिति तथा शांति समिति की बैठक हुई, आम नागरिकों की ओर से समिति के सदस्यों ने नाबालिग को तथा बगैर लाइसेंस धारी एवं अंधाधुन बाइक चलाने वालों पर अंकुश लगाने की मांग की जाती रही है। थाना प्रभारी दिलीप सिंह चंदेल ने इस बार इस मांग पर ध्यान देते हुए 8 मार्च को हाट बाजार के कारण बस स्टैंड क्षेत्र में पुलिस की व्यवस्था कर एक 2 स्टार व एक हेड कांस्टेबल तथा नगर सैनिक की ड्यूटी लगाई। इसके बावजूद उनकी मौजूदगी को नजरअंदाज करते हुए कई मोटरसाइकिल पर तीन से चार युवा बैठकर बाजार में बाइक दोड़ाते रहकर दहशत फैलाते रहे। कस्बे के नागरिकों, व्यापारियों, पालकों आदि की मांग है कि, जिला मुख्यालय पर जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर विगत दिनों इन बाइकर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाया गया, वैसी कार्रवाई आम्बुआ क्षेत्रों में भी की जाऐ। संघन जांच होने पर कई बाइक चोरी तथा अवैध मिलने की संभावना है।