Thursday, 26 ,December 2024
RNI No. MPHIN/2018/76422
: mahikigunj@gmail.com
Contact Info

HeadLines

आक्रोश सही पर आतंक फैलाना गलत... | जब तक सूरज चांद रहेगा मामा जी का नाम रहेगा... | धूमधाम से मनाया जाएगा क्रिसमस पर्व | खनीज विभाग ने पकड़ा अवैध रेत से भरा ट्राला | नये अधिकारी, नए नियम, आम जनता की फजीयत... | भाजपा संगठन पर्व 2024... | नवीन संकुल केंद्र पर शिक्षकों की बैठक संपन्न | मोहन सरकार का 1 वर्षिय कार्यकाल पूर्णः सभी 29 सिटे जितना उपलब्धि | एसपी ने पुलिस थाना का किया निरीक्षण | जयेश और दिव्यांशी का क्रिकेट कोचिंग के लिए हुआ चयन | समाज सेवा संस्थान के एक दिवसीय आयोजन में 150 से अधिक महिलाओं ने ली सहभागिता | सट्टा खेलते महिला आरोपिया को पुलिस ने किया गिरफ्तार | सहकारी संस्था में यूरिया खाद नहीं, बाजार में मिलता है ऊंचे दामों पर | पुलिस की पोल: हेलमेट ताक पर, तीन व्यक्ति से सवार बाइक ने मारी महिला को टक्कर, चार जख्मी | उपचुनाव जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह | निर्दयी माँ ने अविकसित बच्चे को फेंका कचरे की तरह | डिजिटल अरेस्टः सरकार इतनी असहाय क्यों...? | कृषि मंत्री की मौखिक घोषणा के झांसे में आए किसान को लगी 25 हजार चपत | जनजातीय गौरव दिवस विशेष: धरती आबा भगवान "बिरसा मुंडा" | गौसेवा ही नारायण सेवा है- आचार्य डॉ. देवेन्द्र शास्त्री |

मां के लिए भगवान को भी धरती पर आना पड़ता है- पंडित शिवगुरु शर्मा
18, Sep 2022 2 years ago

image

माही की गूंज, आम्बुआ।

        मां-बाप अपना सर्वत्र निछावर कर देते हैं बच्चों को बड़ा करने में और यदि बड़े होकर बच्चे कहे कि तुमने हमारे लिए कुछ नहीं किया, तब मां बाप कितने दुखी होते होंगे। जब तक मां-बाप रहते हैं उनकी सेवा करो जाने के बाद उन्हें याद करते हो और उनकी स्मृति में हम बहुत कुछ करते हैं। बहुत कम लोग होते हैं जो मां बाप के जाने के बाद उनके उद्धार की कामना से पुण्य करते हैं। ऐसे ही आम्बुआ के चौहान परिवार के स्व. श्री शिव कुमार तथा स्व. श्रीमती झमकूबाई चौहान हैं, जिनके संस्कारों के कारण उनके दोनों पुत्र तथा पुत्रवधुऐ श्राद्धपक्ष में भागवत कथा कराकर उनका उद्धार कर रहे हैं। ऐसे पुत्रों की प्रशंसा की जाना चाहिए।

        उक्त उदगार आम्बुआ के सांवरिया धाम में आयोजित हो रही चौहान परिवार के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा में व्यासपीठ पर विराजमान मानस सद्भावना जागृति संस्थान उन्हेल (उज्जैन )से पधारे पंडित श्री शिव गुरु शर्मा जी ने श्री श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस की कथा में व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि, मां-बाप कभी भी बच्चों को बद्दुआ नहीं देते हैं। जिन घरों में मां-बाप हंसते-हंसते विदा होते हैं वह घर खुशहाल रहता है। हमें भगवान के आगे झुकना चाहिए हमारी संस्कृति झुकना सिखाती है, हमें बड़ों के सामने भी झुकना चाहिए। जब नेमीशरण्य में सूत जी महाराज पहुंचे तो वहां उपस्थित 88 हजार ऋषि-मुनियों ने उन्हें प्रणाम किया तो उन्होंने कहा कि, मैं उम्र में छोटा हूं हमें प्रणाम क्यों कर रहे हो। तब संतो ने कहा कि, जो ज्ञान में बड़ा होता है वह उम्र में भले ही छोटा हो मगर बड़ा होता है।

        व्यासपीठ से पंडित जी ने आगे भगवान भोलेनाथ की कथा कहते हुए बताया कि, लोग शिव के पास सांसारिक सुख मांगने जाते हैं। कभी मन से वहां जाकर उनके पास बैठ कर पूजा-अर्चना तो करो। आगे महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण की कथा तथा ब्रज भूमि  के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राधा रानी के प्रेम का वर्णन किया। तदोपरांत श्री नारद जी द्वारा ब्रज भूमि पर देखा कि, एक जवान स्त्री अपने दो बूढ़े बच्चों को लेकर रोती मिली। पूछने पर उसने बताया कि, मैं भक्ति हूं जो कि जवान हूं तथा मेरे दो बच्चे ज्ञान और वैराग्य बुजुर्ग हो गए हैं तथा जो स्त्रियां आसपास रो रही है वह नदिया है तथा उसने श्री नारद जी को आगे की कथा सुनाई। पंडित श्री शिवगुरु जी शर्मा ने भागवत कथा का महत्व उसके सुनने सुनाने से जीवो का कैसे उद्धार होगा आदि व्रतांत सुनाएं। आज कथा का प्रथम दिवस होने से कथा पूर्व विशाल चल समारोह निकाला गया। कथा सुनने आम्बुआ के अतिरिक्त अन्य स्थानों से भी कथा रसिक आ रहे हैं।



माही की गूंज समाचार पत्र एवं न्यूज़ पोर्टल की एजेंसी, समाचार व विज्ञापन के लिए संपर्क करे... मो. 9589882798 |