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जिले के पहले अंगदाता की पांचवी पुण्य स्मृति में आज खेतिया में लगेगा रक्तदान शिविर
माही की गूंज, बड़वानी
दुर्गेश-प्रेमलाल मालवीया बड़वानी जिले का एक ऐसा नाम जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। क्योकि 5 वर्ष पूर्व दुर्गेश की मृत्यु होेने पर उसके परिजनों ने दुर्गेश के अंगदान किए थे। दुर्गेश बड़वानी जिले का पहला अंगदान दाता था। परिवार का साहसिक निर्णय 3 बुझती जिंदगियों को रोशन कर गया, जो अपने आप में मानवता की मिसाल है।
पाँच वर्ष पूर्व 2 मार्च को बड़वानी जिले के खेतिया के समीप ग्राम भातकी का निवासी दुर्गेश मालवीय धामनोद के समीप सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था और उसे इंदौर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती किया था। जहाँ उपचार के पश्चात डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। उसके पश्चात इंदौर के मुस्कान ग्रुप के सदस्यों और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा परिजनों को समझाने पर उसके माता पिता ने दुर्गेश के अंगदान का निर्णय लिया व पाँच वर्ष पूर्व आज ही के दिन उनके अंगदान किए गए। अंगदान में उनका दिल मुंबई, लिवर गुड़गांव व किडनी एवं त्वचा इंदौर में भर्ती मरीजों को जीवनदान दे गई।
नेत्रदान व अंगदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे बड़वानी जिले के समाजसेवी लायन राम जाट ने आज दुर्गेश की पांचवीं पुण्यतिथि पर बताया कि, दुर्गेश और उसके माता-पिता आज अंगदान के क्षेत्र में बड़वानी जिले में प्रेरणा स्त्रोत के रूप में जाने जाते है। दुर्गेश एक अच्छा ताइक्वांडो खिलाड़ी था उसे ब्लैक बेल्ट के साथ साथ कई मैडल भी मिल चुके थे। उसके परिजनों द्वारा लिए निर्णय से आज लोगो मे धीरे-धीरे जनजागृति आ रही है और कई समाज रक्तदान और नेत्रदान के क्षेत्र में सामाजिक स्तर पर भी प्रयासरत है।
दुर्गेश के पिताजी प्रेमलाल मालवीया ने अपने संदेश में कहा कि, देश में कई लोग आज अंग प्रत्यारोपण के लिए अंगदान के इंतजार में जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे है, ऐसे में लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता की जरूरत है।
दुर्गेश की पांचवी पुण्यतिथि पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खेतिया में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन आज किया जा रहा है। इस रक्तदान शिविर में कोई भी आकर जरूरतमंदों के लिए अपना रक्तदान कर, दुर्गेश को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकता है।