पूर्व विधायको ने उपचुनाव से पहले सीएम को सौंपी क्षेत्र के कामों की सूची
माही की गूंज, धार
उपचुनाव को लेकर क्षेत्र से ज्यादा भोपाल में हलचल बढ़ गई है। भोपाल में बैठे दिग्गज नेता अपनी-अपनी पार्टी की रणनीति पर काम कर रहे हैं। सिंधिया समर्थकों ने सीएम शिवराजसिंह चौहान से मुलाकात कर उपचुनाव को लेकर अपने विचार सीएम को बताए। इस दौरान पूर्व विधायकों ने सिंधिया के सामने 678 करोड़ रुपए के प्लान को रखा है। सिंधिया खेमे के लोगों ने सीएम के सामने यह प्लान अपनी जीत सुनिश्चित करने में लाभदायक होगा। दरअसल, सिंधिया खेमे के लोग चाहते हैं कि, चुनाव से पहले क्षेत्र में कुछ ऐसे काम कराए जा सकें, जिससे लाभ हो। इमरती देवी, एंदलसिंह कंसाना और प्रद्युमनसिंह तोमर, सीएम शिवराज से पहले ही मिल चुके हैं। जजपालसिंह जज्जी, महेंद्रसिंह सिसोदिया, बृजेंद्रसिंह यादव, सुरेश धाकड़, प्रभुराम चौधरी, रक्षा सिरोनिया, रघुराज कंसाना और गिर्राज दंडोतिया ने सीएम से मुलाकात की।
678 करोड़ का प्लान
इन सभी पूर्व विधायकों ने सीएम शिवराजसिंह चौहान से बात की, साथ ही कुछ प्लान भी रखें, ये सभी प्लान क्षेत्र में काम से संबंधित हैं। पूर्व विधायकों ने सीएम के समक्ष मेडिकल कॉलेज और सड़कों के कई कामों की सूची सौंपी, जिसे चुनाव से पूर्व करवाने के लिए कहा है। इन कामों को पूरा करने में 678 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीएम ने पूर्व विधायकों की मांग पर आश्वासन दिया है कि, काम जल्द ही प्रारंभ होंगे। जल्द ही इन क्षेत्रों के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान कुछ योजनाओं की घोषणा भी कर सकते हैं। सीएम इससे पहले ग्वालियर-चंबल संभाग के चंबल प्रोग्रेस वे की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा था कि, इससे क्षेत्र में आर्थिक प्रगति आएगी।
उपचुनाव पर भी चर्चा
क्षेत्र में उपचुनाव की स्थिति को लेकर भी सीएम शिवराज के साथ इन विधायकों ने चर्चा की। जानकारी के अनुसार कई सीटों पर विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं। उससे भी इन विधायकों ने सीएम को अवगत कराया है, क्योंकि पार्टी आलाकमान इन नाराज लोगों को भोपाल तलब कर उनसे मुलाकात कर रही है। जयभानसिंह पवैया ने भी कई नेताओं से मुलाकात की।
कांग्रेस मजबूत, वजनदार, कद्दावर नेताओं को उपचुनाव में उतारेगी
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने उपचुनाव की तैयारी शुरू कर दी है और इन सीटों के लिए मजबूत, दमदार, वजनदार, कद्दावर नेताओं को उपचुनाव में उतारने के लिए तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी ने सरकार बनाई है और कमलनाथ हर हाल में उपचुनाव जीतकर प्रदेश में बीजेपी व सिंधिया से बदला लेना चाहते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अजय सिंह, मीनाक्षी नटराजन, रामनिवास रावत, प्रेमचंद गुड्डू, आदि वजनदार, कद्दावर नेताओं को उपचुनाव में उतारने की रणनीति अपनाना चाहते हैं, और बीजेपी के असंतुष्ट, बगावती नेताओं पर भी कमलनाथ की नजर टिकी हुई है। निर्दलीय उम्मीदवार या भितरघात करवाने के लिए कमलनाथ बीजेपी के नेताओं के सम्पर्क में है।
कमलनाथ होंगे अब दिग्विजय सिंह का शिकार
कमलनाथ उपचुनाव में एड़ी चोटी का जोर लगा दे, यदि उपचुनाव में कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार जीत जाते है तो, विधायक दल की बैठक में दिग्विजय के समर्थक अधिक संख्या में हैं और कमलनाथ समर्थकों की संख्या कम होने के कारण अजय सिंह को विधायक दल का नेता भी चुना जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं रहेगी औऱ कमलनाथ दिग्विजय सिंह के शिकार हो सकते है। बतादे कि, कमलनाथ की मीटिंग में दिग्विजय सिंह के समर्थक अजयसिंह व डॉ गोविंदसिंह ने भारी विरोध किया था और कमलनाथ का रास्ता प्रदेश कांग्रेस में इतना आसान नहीं है। उपचुनाव हारने की दशा में कमलनाथ की विदाई प्रदेश से तय है और दिग्विजय सिंह के समर्थक व रिस्तेदार अजय सिंह ही प्रदेश कांग्रेस में सशक्त भूमिका अदा करेगे।
बीएसपी भी मैदान में
बीएसपी प्रमुख सुश्री मायावती ने उपचुनाव में सभी 24 सीटों पर उपचुनाव लड़ने की घोषणा की है और किसी भी पार्टी से समझौता करने से इंकार कर दिया है।