सरपंचों और सचिवों से होगी 5 करोड़ की वसूली, जिले की 67 पंचायतों से होगी वसुली
आंगनवाड़ी और शासकीय भवनों की राशि हजम कर गए सरपंच-सचिव
माही की गूंज, रतलाम।
जिले की 67 पंचायतों के संरपच-सचिवों से 5 करोड़ रूपए की वसूली की जाएगी। जिले की अलग-अलग जनपद पंचायतों के यह वह सरपंच-सचिव है। जिन्होंने गाँव में आंगनवाड़ी, बाउंड्रीवाल, स्कूल के अतिरिक्त कक्ष, सहित कई निर्माण कार्यों के लिए पैसा तो निकाल लिया लेकिन काम करवाना ही भूल गए। कलेक्टर रतलाम कुमार पुरुषोत्तम और जिला पंचायत सीओ जमुना भिड़े ने पंचायत के कामो की समीक्षा की तो पता चला कि, जिले में ऐसी 67 पंचायते है, जहां जिम्मेदारों ने कार्य की राशि तो पूरी निकाली लेकिन काम न करते हुए ये राशि अपनी जेब में डाल ली।
वर्ष 2013 से लेकर अब तक हुआ बड़ा घोटाला
वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक करीब 5 करोड रुपए की राशि की गड़बड़ी सामने आई है। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अब इन भ्रष्ट जिम्मेदारो पर एफआईआर करवाने के निर्देश दिए है। रतलाम जिले में ये भ्रष्टाचार कई वर्षो से चला आ रहा है, कुछ काम तो 2015 से लंबित है लेकिन कार्रवाई की कमी के चलते सरकारी पैसो को चूना लगाने वालो की हिम्मत बढ़ती गई। लेकिन अब प्रशासन इन लोगो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
जिला पंचायत सीओ जमुना भीङे ने बताया कि, पंचायत सचिवों और सरपंचों से राशि की वसूली की प्रक्रिया जारी है। राशि नहीं देने वाले सरपंच सचिवों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी।
जागो झाबुआ जागो कलेक्टर, जिला सीओ
जो मामला रतलाम जिले के जिला कलेक्टर व जिला सीओ ने लंबित कार्यो की जांच में निकाल लिया उससे भी गम्भीर और बड़े मामले जिले की ग्राम पंचायतों में है, जबकि कई मामलों के बड़े खुलासे मीडिया के माध्यम से किये भी जा चुके हैं तो कई मामले शिकायतो के रूप में जांच के नाम पर लंबित पड़े हैं। लेकिन जिले के कलेक्टर ओर जिला पंचायत सीओ की नींद नही खुली। अकेले वर्ष 2016 से 2019 तक के कार्यो की जांच की जाए तो जिले में 5 करोड़ के ऐसे कार्य जो कि आज तक किये नही गए या अधूरे पड़े हैं और उनकी राशि निकाल ली गई है एक विधानसभा क्षेत्र में ही मिल जायेंगे और ये आंकड़ा जिले में 10 करोड़ को भी पार कर जाएगा। झाबुआ जिले के अधिकारियों के मामला संज्ञान में होने के बाद भी मामले अधिकारीयो द्वारा लेन-देन ओर राजनीतिक दबाव में बाले-बाले निपटाए जा रहे हैं।